Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

शुक्र सुख, समृद्धि, वैभव, ऐश्वर्य के लिए शुभ माना जाता है- युवाचार्य महेंद्र ऋषि

शुक्र सुख, समृद्धि, वैभव, ऐश्वर्य के लिए शुभ माना जाता है- युवाचार्य महेंद्र ऋषि

प्रवर्तक कुंदन ऋषि के जन्मदिवस पर हुआ गुणगान

एएमकेएम जैन मेमोरियल सेंटर में चातुर्मासार्थ विराजित श्रमण संघीय युवाचार्य महेंद्र ऋषिजी ने सात वार की श्रृंखला में शुक्रवार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए काव्यात्मक शैली में कहा कि शुक्र प्यार बढ़ाता है।‌ यह नफरत को दूर भगानेवाला है। यह मन को सुदृढ़ करने वाला है। यह चेहरे पर कांति प्रगटाने वाला है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह प्रेम, सौहार्द का प्रतीक है। जिसका शुक्र बल मजबूत हो, उन्हें प्रेम अधिक मिलता है।‌ यह दिन सुख, समृद्धि, वैभव, ऐश्वर्य के लिए शुभ माना जाता है। उन्होंने कहा आकाश में सबसे चमकदार ग्रह कोई है तो वह शुक्र है। यह तेज, सामर्थ्य का प्रतीक है। यह भीतर में सामर्थ्य की रक्षा करता है।‌ आप जितना शुभ और सकारात्मक वचन बोलोगे, उतना शुक्र बल बढ़ता जाएगा। सकारात्मकता आपको मजबूत बना देती है, तेज तो सकारात्मक वचनों से आएगा ही। यह सबसे जोड़ने वाला है।

उन्होंने आचार्य आनंद ऋषिजी के ज्येष्ठ शिष्य और अपने गुरु भाई कुंदन ऋषिजी महाराज के जन्मदिवस पर उन्हें याद करते हुए कहा कि वे गुरुदेव के प्रति समर्पण भाव रखते हुए रहे। जब दिसंबर 1962 में गुरुदेव आचार्य के रूप में थे तब वे नवदीक्षित थे और अपने गुरु की सेवा सुश्रुषा में लग गए। जिनको दीक्षा के पहले बोलने के लिए सोचना पड़ता था, ऐसे प्रवर्तक कुंदन ऋषिजी गुरुदेव का आशीर्वाद लेकर आगे बढ़ें कि उनका पत्र व्यवहार उन्होंने ही संभाला।

वे अत्यंत व्यवहार कुशल और वात्सल्यपूर्ण रहे। यदि हमारा संतुलन कभी खो गया तो उन्होंने अपना मन बड़ा रखा। हमें गुरुदेव के बाद ऐसे बड़े भाई की छत्रछाया मिली। उनका जन्म मेहर परिवार में हुआ। गुरुदेव के चरणों में आकर शुद्ध स्वर्ण कमल की तरह अपना जीवन कुंदन बनाया। उन्होंने कभी अहसान का अहसास नहीं जताया। वे स्वस्थ एवं दीर्घजीवी हो, यह मंगल कामना करते हैं। वे अस्वस्थ भी है लेकिन सदा मुस्कुराते रहते हैं। उनका वात्सल्य भाव हम पर बरसता रहे।

इस दौरान महासंघ ने युवा महासंघ की टीम, राजेन्द्र कामदार, डॉ. नरेश पींचा का चातुर्मास में सेवाएं प्रदान करने के लिए सम्मान किया। महासंघ के महामंत्री धर्मीचंद सिंघवी ने कहा कि चातुर्मास के दौरान इनका बहुत सहयोग मिला।

हर समिति, हर काम में मन- वचन-काया से युवा संघ का योगदान मिला। इस मौके पर किशोर चौरड़िया, डॉ. सुनीता छल्लाणी, दत्तराज जैन ने अपने विचार प्रकट किए। युवा महासंघ के संयोजक आनंद बालेचा ने युवा महासंघ द्वारा दिए गए योगदान की झलकियां प्रस्तुत की और किसी भी अविनय-आशातना के लिए क्षमा प्रार्थना की। कमलचंद छल्लाणी ने सभा का संचालन किया।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar