चेन्नई. गुस्सा कम करने के लिए चंद्रप्रभु की माला का जाप किया जाए जबकि शीतलनाथ भगवान की माला शीतलता प्रदान करती है। सोमवार के दिन उपवास व्रत एकासन करें एवं सफेद वस्त्र पहनें व सफेद चीज का भोजन करें।
अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में विराजित साध्वी कुमुदलता ने सोमवार को धर्मसभा में सात वारों की राशियों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कर्क राशि का सिंबोल है केकड़ा इस राशि वालों को पानी से मोह होता है। कर्क राशि वाले इंसान ज्यादातर पानी से प्यार करते हैं एवं पानी वाले स्थानों पर घूमना ज्यादा पसंद करते हैं।
इस राशि के लिए चंद्रप्रज्ञप्ति के माध्यम से बताया की चंद्र हमें क्रिया देता है, लोगस्स की आराधना साधना में आकाश की ऊर्जा के साथ, चंद्र पूर्णिमा के साथ साधना करने से शीतलता एवं निर्मलता प्राप्त होती है। शरद पूर्णिमा को ओम चंद्रप्रभवे की माला का जाप करने से सुंदरता की प्राप्ति होती है।
साध्वी ने कहा जिस तरह इस्लाम धर्म में दूज के चांद एवं वैष्णव धर्म में बीज के चांद का महत्व बताया गया है ठीक उसी तरह जैन धर्म में पूनम के चांद का महत्व होता है।
जैन दादावाड़ी में आगामी 9 अक्टूबर को सवेरे 6.30 बजे से राहु केतु की शांति के लिए महा मंगलकारी अनुष्ठान होगा जिसमें महानगर के अलावा बाहरी इलाकों से हजारों की संख्या में आराधक हिस्सा लेंगे। यह अनुष्ठान सुख समृद्धि एवं शांति का प्रदाता व जीवन का अनिष्ट दूर करने वाला है। 2 अक्टूबर को साध्वी मंगलवार के बारे में समझाने के अलावा मेष व वृश्चिक राशि की दशा पर प्रकाश डालेंगी।