श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में कर्नाटक तप चंद्रिका प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने केशीश्रमण गौतम स्वामी की चर्चा चल रही, उसके बारे में बताया हमारी शरीर रूपी गाड़ी का ड्राइवर अगर बराबर ना हो तो गाड़ी कैसे चलेगी। गाड़ी में महत्व किसका है? बैठने वाले का या ड्राइवर का? आत्मा ये ड्राइवर है अब कैसे उपयोग करना हमारे हाथों में है।
प.पू. धैर्याश्रीजी म.सा. ने श्रावक का गुण बताते हुए कहा वह परोपकार करने वाला होवे। सृष्टि देखो कितना देने का कार्य करती। पहले भी जगड़ुशा, देदाशा, भामाशाह हो गए उन्होंने कितना अच्छा कार्य किया दुखियों के आंसू पोंछे। सभी को हेल्प की तो हमें भी करना है। अध्यक्ष विजयराज चुत्तर ने तपस्वी का स्वागत किया। संचालन मंत्री हस्तीमल बाफना ने किया।