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शरीर की नश्वरता जानकर प्राणशक्ति का सदुपयोग करें: साध्वी डॉ.सुप्रभा

शरीर की नश्वरता जानकर प्राणशक्ति का सदुपयोग करें: साध्वी डॉ.सुप्रभा
चेन्नई. उमराव ‘अर्चना’ सुशिष्या साध्वी कंचनकंवर, साध्वी डॉ.सुप्रभा आदि ठाणा सहित वैभव अपार्टमेंट से विहारकर धर्मराजा कोईल स्ट्रीट में कल्याणजी रूपचंद धर्मचंद चोरडिय़ा के निवास स्थान पर पधारे। विहार में बड़ी संख्या में श्रावकगण शामिल हुए। 
साध्वी मंडल के सानिध्य में यहां पर ‘‘उमराव अर्चना वाटर बूथ’’ का उद्घाटन किया गया।
प्रात: 9.30 बजे प्रवचन में साध्वी डॉ.इमितप्रभा ने मरलेचा गार्डन में श्रोताओं को संबोधित करत हुए कहा कि मानव को शरीर, प्राण, मन, बुद्धि, आत्मा मिली है। शरीर के चार धर्म है- रोग, अशुचि, जरा एवं मरण। धर्म को जानकर शरीर की नश्वरता देखते हुए हमें इस शरीर पर आसक्ति नहीं रखकर,  प्राणशक्ति से हमें प्राणों का सदुपयोग करना है।
 
मनुष्य को मन व बुद्धि प्राप्त हुई है। मन से शुभ विचार करें, मन एक ऐसा साधन है जिससे कर्म बंध एवं कर्म से मुक्त हो सकते हैं। अंत में आत्मा है तो इनका मूल्य है हमेशा आत्म-स्मृति एवं आत्म परिचय करें।
साध्वी उन्नतिप्रभा ने कहा कि समय अमूल्य धन है। समय गतिमान है इसे रोक नहीं सकते। समय का हर क्षेत्र में महत्व है। जिसने समय को सार्थक कर लिया उसका जीवन सफल हो गया। 
बुधवार को महासती मंडल रिथर्डन रोड स्थित दुलीचन्द किशोरकुमार राजकुमार चोरडिय़ा के निवास स्थान पर पधारकर श्रद्धालुओं को धर्म पाथेय पदान करेंगे।

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