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व्यवहार कुशल होना सफल जीवन का एक सुखद मार्ग है : देवेंद्रसागरसूरि

व्यवहार कुशल होना सफल जीवन का एक सुखद मार्ग है : देवेंद्रसागरसूरि

मनुष्य की पहचान उसके आचरण से होती है। कोई अपनी अच्छाई-बुराई का प्रमाणपत्र लेकर नहीं घूमता, बल्कि उसका व्यवहार ही उसके व्यक्तित्व का प्रतिबिंब है। उपरोक्त बातें आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन जैन संघ में प्रवचन देते हुए कही, उन्होंने आगे कहा कि शैक्षणिक विश्वविद्यालयों में भले ही प्रमाणपत्रों की दरकार पड़ती हो, लेकिन जीवनरूपी विश्वविद्यालय में व्यवहार ही व्यक्तित्व की सबसे बड़ी अभिव्यक्ति होती है। जो व्यवहार कुशल नहीं उसे नहीं मालूम होता कि किस से कैसे व्यवहार करना चाहिए। वह मनुष्य होने की न्यूनतम अर्हता पूरी नहीं कर पाता। लिहाजा जीवन में व्यवहार कुशलता अत्यंत आवश्यक है। व्यवहार कुशल होना असल में जीवन जीने की विधि है। उद्दंड होने में कोई मेहनत नहीं लगती, लेकिन सुशील, सज्जन एवं व्यवहार कुशल होना बेहद कठिन है। मगर ये गुण गर्भ से ही नहीं ग्रहण किए जाते।

जन्म के समय सभी की परिस्थितियां एक समान होती हैं। मगर उसके बाद जिनके घर का माहौल अच्छा होता है जहां अच्छाई-बुराई का पाठ पढ़ाया जाता है उन घरों के बच्चे प्राय: सुशील और अनुशासन प्रिय होते हैं। ऐसे में किसी भी बाल का चरित्र निर्माण उसके घरेलू माहौल और मित्रों की संगत पर अधिक निर्भर करता है। व्यवहार कुशल होना सफल जीवन का एक सुखद मार्ग है। जो व्यक्ति व्यवहार कुशल होता है वह जीवन में कभी असफल नहीं होता। उसके जीवन में पग-पग पर सफलता मिलती रहती है। वह अपने व्यवहार से दूसरों को प्रभावित कर लेता है । अगर किसी को सफल व्यक्ति मानते हो तो भी मान लेना चाहिए कि वह दूसरों से अधिक व्यवहार कुशल है। इसी तरह जो लोग असफल हैं उनके संबंध में मान लेना चाहिए कि वे आचरण व व्यवहार से उद्दंड हैं अथवा हीनभावना से ग्रसित हैं।

ऐसे ही व्यक्ति मान लेते हैं कि वे संसार के सबसे निकृष्ट प्राणी हैं। ऐसी मनोवृति हीनभावना के कारण, व्यवहार कुशल न होने के कारण ही बनती है। यह एक प्रकार की बीमारी है। एक व्यक्ति ऐसा होता है जो मिलता है तो मन घृणा से भर जाता है और दूसरा जब बिछुड़ता है तो आंख से आंसू निकल पड़ते हैं। दोनों ही मनुष्य हैं। बाहर से देखकर यह नहीं बताया जा सकता कि कौन अच्छा है, कौन बुरा है। केवल उनके व्यवहार से पता चलता है कि यह व्यक्ति अच्छा है या बुरा है। आप दूसरों से कैसा व्यवहार करते हैं यही महत्वपूर्ण है। इसलिए कहा जाता है कि व्यवहार कुशल व्यक्ति समाज में लोकप्रिय बन जाता है।

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