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व्यवस्थित और सुशासित समाज के लिए देशभक्ति बहुत जरूरी है : देवेंद्रसागरसूरि

व्यवस्थित और सुशासित समाज के लिए देशभक्ति बहुत जरूरी है : देवेंद्रसागरसूरि

श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन जैन संघ के तत्वावधान में बिन्नी नोर्थटाउन सोसायटी में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी के सान्निध्य में समग्र आयोजन का लाभ राजेश बाफ़ना एवं भरत भाई के परिवार ने लिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में बच्चों ने सांस्कृतिक नाटिका द्वारा देश के लिए अपने भाव प्रगट किए, पश्चात आचार्य श्री का प्रवचन हुआ, आचार्य श्री ने कहा कि देशभक्ति सिर्फ किसी के लिए उसके देश के प्रति प्यार और सम्मान को ही नहीं बल्कि उसकी सेवा करने की इच्छा को भी परिभाषित करता है। एक सच्चा देशभक्त एक सक्रिय कार्यकर्ता होता है जो अपने देश की प्रगति और विकास के लिए महत्वपुर्ण कार्य करता है और अपने देश का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस करता है।

एक देशभक्त वह होता है जो अपने देश की आजादी और शांति के लिए अपना महत्वपुर्ण योगदान देता है। ऐसे कई अवसर होते हैं जब किसी को निःस्वार्थ रूप से राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपने व्यक्तिगत आनंद और अवकाश का त्याग करना पड़ता है, हमारी अपनी मातृ भूमि का समर्थन करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। ऐसे कई कारणों से देशभक्ति की भावना महत्वपूर्ण हो जाती है। हालांकि ये सत्य है कि देशभक्ति की भावना के बिना हमारा देश विकसित नहीं हो सकता। कल्पना कीजिए कि अगर एक सैनिक निःस्वार्थ रूप से देश के लिए लड़ाई न करे तो, तो देश के लिए अपनी सुरक्षा को खतरे में डालकर दुश्मनों से खुद को बचाने के लिए हमें मुश्किल हो जाएगी। आजकल के युवाओ में देशभक्ति की भावना की कमी देखी जा सकती है। कुछ स्वार्थी लोग है, जो जिस देश में रहते है उसी की बुराई करते है।

आजकल लोगो को इतने व्यस्त जीवन में सिर्फ अपना स्वार्थ नज़र आता है, वह देश के विषय में सोचते नहीं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी उन्नति करने में व्यस्त है, उन्हें अपने जीवन में सफलता चाहिए। हर इंसान ज़िन्दगी में सिर्फ पैसे कमाने के पीछे दौड़ रहा है। ऐसे में देश के बारे में उसके पास सोचने का समय नहीं है। अंत में आचार्य श्री ने कहा कि एक व्यवस्थित और सुशासित समाज के लिए देशभक्ति बहुत जरूरी है। देशभक्त लोग समाज में नैतिकता और जिम्मेदारी की भावना पैदा करते हैं और समाज के लिए एक सकारात्मक उदाहरण पेश करते हैं। वे अपने देश की समृद्धि और समानता को सक्षम बनाते हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करते हैं।

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