साध्वी लावण्यश्री के सान्निध्य में आयोजित हुआ भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव
तिरुकलीकुण्ड्रम : प्रभु महावीर के प्रतिनिधि युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या साध्वी श्री लावण्यश्रीजी के सान्निध्य में श्रमण भगवान महावीर का 2622वां जन्म कल्याणक महोत्सव का आयोजन नवीन महल, तिरुकलीकुण्ड्रम में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ साध्वीश्रीजी के नमस्कार महामंत्रोच्चार के साथ हुआ। मंगलाचरण कर्मणा जैन महाबलीपुरम महिलाओ ने किया।
साध्वी श्री लावण्यश्रीजी ने कहा- कि हमे प्रभु महावीर के अनुयायी होने का गौरव प्राप्त हुआ। अनेक सिद्धांतों की प्रासंगिकता आज भी है। नारी उत्थान, प्राणी मात्र में करुणा का संचार, जातिवाद पर कडा प्रहार करने वाले महामानव थे। उनके शासनकाल में ब्राह्मण, क्षुद्र, वैश्य, क्षत्रिय आदि सभी जाति के लोग दीक्षित हुए। उन्होने कहा-व्यक्ति जाति से नही कर्म से महान बनता है।
साध्वी सिद्धांतश्रीजी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज का युग कम्पेरिजन का युग है। हम भी अपनी तुलना उस परम आत्मा से कर परम को प्राप्त करने का, मंजिल हांसिल करने का नव संकल्प सजाए।
इससे पूर्व साध्वीवृन्द सकल समाज के साथ श्री जैन संघ भवन से शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए अहिंसा रैली के साथ नवीन महल पधारे। महावीर सिद्धांतों के जयघोषों से वातावरण गुंजायमान हुआ। नवीन महल में महिला मंडल ने महावीर स्वामी के जन्म महोत्सव पर गीत का संगान किया। ज्ञानशाला ज्ञानार्थीयों एवं महिला मंडल ने मिलकर महावीर स्वामी के जन्म से मोक्ष तक की यात्रा पर प्रस्तुति दी। चेन्नई तेरापंथ सभाध्यक्ष श्री उगमराज सांड, मंत्री श्री अशोक खतंग, महिला मंडल अध्यक्षा पुष्पा हिरण, तिरुकलीकुण्ड्रम सभाध्यक्ष श्री संपतराज वरोला, मंत्री श्री प्रशांत दुगड, कडलूर से श्री सौभागमल सांड, तंडियारपेट सामायिक महिला मंडल ने गीत, महासभा के कार्यकारिणी सदस्य श्री राजेश सुराणा एवं श्री विमल चिप्पड, चेन्नई तेयुप अध्यक्ष श्री विकास कोठारी ने अपने विचार व्यक्त किए। आभार ज्ञापन पूर्व अध्यक्ष बाबुलालजी खांटेड ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी श्री दर्शितप्रभाजी ने किया।
समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती