आज विजयनगर स्थानक भवन में विराजीत साध्वीश्री प्रतिभाश्री म सा ने प्रवचनो के दौरान उत्तरायाध्ययन सूत्र के 29वें अध्याय के 39वें प्रश्न के बारे में बताया कि सहायता व साथ अर्थात परिवार जो कि एक दूसरे के बिना संभव नही है, अतः व्यक्ति को परिवार व समूह में जुड़कर रहना चाहिये, जिसके अनंत फायदे हैं। व्यक्ति समूह में सर्वाधिक सुरक्षित रहता है। आगे विवेचन करते हुए बताया कि चार प्रकार के ध्यान आर्द ध्यान, रोद्र ध्यान, धर्म ध्यान व शुक्ल ध्यान इनके सही आचरण द्ववारा व्यक्ति अपने जीवन को उत्तम बना सकता है जैसे ओंस की बूंद जब शीप में गिरती है तो मोती बन जाती है व वही बून्द जब साँप के मुँह में गिरती है तो वह जहर बन जाती है अर्थात जैसी पात्रता वैसा ही फल।
साध्वीश्री दीक्षिताश्री जी ने कहा कि क्रोध मनुष्य का सबसे विनाशक शत्रु है, क्रोध लोभ के खातिर आता है, यदि अपेक्षाओं की पूर्ति नहीं होती है तब व्यक्ति क्रोधित हो जाता है।यदि क्रोध को मनुष्य त्याग दे या संयम धारण करले तो व्यक्ति महात्मा ओर महात्मा से परमात्मा बन जाता है।
आज भारत के महानायक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रमोदी के जन्मदिन पर अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्ववारा पूरे भारतवर्ष में मेघारक्तदान शिविर का आयोजन रखा गया जिसके तहत साध्वीश्री प्रतिभाश्री जी की सद्प्रेरणा से विजयनगर तेरापंथ के निर्देशन में विजयनगर स्थानक के युवा संघ द्ववारा भी रक्तदान शिविर का स्थानक भवन में कार्यक्रम रखा जिसमें सभी ने बड़े उत्साह से बढ़चढ़कर भाग लिया व अपना रक्तदान किया।
इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार कोठारी ने सभी का अभिवादन किया तथा संघ के मंत्री कन्हैया लाल सुराणा ने हर संभव सुविधा उपलब्ध करवाई तथा सभी युवा संघ,तेरापंथ युवक संघ,व डॉक्टरों की टीम को सुन्दर आयोजन हेतु धन्यवाद दिया। आज विजयनगर युवा संघ का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुदर्शन हेतु सायं काल चेन्नई के लिए प्रस्थान करेगा जिसे संघ के पदाधिकारियों ने मंगलमय शुभकामनाएं देकर रवाना किया तथा साध्वीश्री जी ने मंगलपाठ सुनाया।