कृष्णगिरि. यहां स्थित पाश्र्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थधाम में शुक्रवार को त्रिदिवसीय 17वां ध्वजारोहण महोत्सव शुरू हुआ। पहले दिन संतों के सान्निध्य में विधि-विधान एवं मंत्रोच्चारण के साथ कुंभ स्थापना, दीपक स्थापना, ज्वारारोपण, पाटला, नवग्रह एवं क्षेत्रपाल पूजन एवं उवसगहर महापूजन विधान हुआ।
इस मौके पर पीठाधीपति राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजय ने कहा व्यक्ति के जीवन में धर्म ही नहीं, धार्मिक संस्कारों का होना भी जरूरी है। मानव जीवन व्यक्ति को बहुत भवों में भटकने के बाद मिलता है। इसे सार्थक बनाने के लिए अपनी संस्कृति, सभ्यता, नैतिकता एवं आदर्शों का पालन करना जरूरी है। धार्मिक संस्कार जीवनभर की पूंजी होते हैं। किसी भी विनयवान भक्त रूपी बालक को देखकर मां प्रसन्न होकर करुणामयी कृपा प्रदान करती है।
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भु पाश्र्वनाथ एवं मां पद्मावती के भजनों की गूंज के बीच गुरुदेव ने महाविधान के दौरान सर्व कल्याणकारी चमत्कारी मंत्रों का सामूहिक जाप भी कराया। तुलसी के पौधे, गौ माता, गुरु एवं मित्र के महत्व अर्थात महत्ता पर भी गुरुदेवश्रीजी ने विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने भक्ति को परिभाषित करते हुए कहा श्रद्धालु के जीवन में थोड़ी सी भी भक्ति प्रभु कृपा दिला देती है।
इस अवसर पर आचार्य विमलसागर सूरीश्वर, उपप्रवर्तक पंकज मुनि, वरुणमुनि व वज्रतिलक मुनि, मुंबई की महामंडलेश्वर राजराजेश्वरी शिवप्यारी सहित अनेक संतव श्रद्धालु मौजूद थे। इस दौरान मंदिर में विराजित प्रतिमाओं का अश्विन गुरु द्वारा 17 भेदी महापूजन व अनेक दिव्य औषधीय द्रव्यों, स्वर्ण व रजत जलादि से विधि-विधान पूर्वक अभिषेक, शृंंगार व पूजन-आरती करवाई गई।
समारोह के दूसरे दिन शनिवार को मंदिरों के गुंबद पर संतों की निश्रा में सहयोगी परिवारों द्वारा ध्वजारोहण होगा। शाम को भजन संध्या में गायकों द्वारा श्री नाकोड़ा भैरव की महिमा गाई जाएगी। समारोह के अंतिम दिन रविवार को दोपहर 12 बजे से वृहद शांति स्नात्र महापूजन होगा तथा शाम के सत्र में प्रतापगढ़ के संगीतकार दीपक करणपुरिया एंड पार्टी भव्य भक्ति संध्या पेश करेगी।