Sagevaani.com चेन्नई | इसरो और चंद्रयान मिशन से जुड़े अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रो. नरेन्द्रजी भंडारी ने कहा कि साधु और गृहस्थ के बीच विद्वानों का वर्ग होना बहुत आवश्यक है |
किलपॉक में समाजसेवी सुगालचंदजी जैन के निवास पर उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने जैन धर्म को सर्वाधिक वैज्ञानिक धर्म निरूपित किया। भगवान महावीर फाउंडेशन के संस्थापक श्री सुगालचंदजी जैन ने कहा कि भगवान ऋषभदेव के शासन में उनके पुत्र चक्रवर्ती भरत ने ब्राह्मण वर्ग के रूप में जैन विद्वानों का समुदाय बनाया था |
रिसर्च फाउंडेशन फॉर जैनोलोजी [ जैनविद्या शोध प्रतिष्ठान ] के अध्यक्ष श्री कैलाशमलजी दुगड़ ने कहा कि जैन शिक्षण संस्थानों में जैन दर्शन और जीवन मूल्यों का अध्यापन होना आवश्यक है। प्रतिष्ठान के महामंत्री पदमकुमारजी टाटिया ने जैन दर्शन में शोध योजनाओं को आगे बढ़ाने पर बल दिया |
इस अवसर पर श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर. नरेन्द्रजी कांकरिया, साहित्यकार डॉ. दिलीपजी धींग,डॉ. ज्ञानजी जैन, मद्रास यूनिवर्सिटी चेन्नई से डॉ. प्रियदर्शनाजी जैन,जैन धर्म फिलॉसफर नन्दकिशोरजी समाज सेवी गौतमजी खारीवाल की उपस्थिति में प्रो. भंडारीजी का सम्मान किया गया |
फाउंडेशन के न्यासी विनोदजी सिंघवी ने उपस्थित महानुभावों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया |