चन्नई. तंडियारपेट तेरापंथ भवन में सभा को संबोधित करते हुए मुनि ज्ञानेंद्र ने कहा कि वीतराग भावना ने जो हमें तत्व बताया है वही हमारे लिए आचारणीय और सत्य है।
जो तीर्थांकरों की आज्ञा का पालन करता है वह बोधिवान जल्द ही मुक्ति पा लेता है। भगवान ने श्रावकों के लिए व्रत अपनाने की प्रेरणा दी है। 12 व्रत श्रावकों के लिए आचरण करने योग्य हैं।
मुनि के सान्निध्य में तेरापंथ ट्रस्ट तंडियारपेट के तत्वावधान में बारह व्रत कार्यशाला का आयोजन हुआ। प्रति दिन एक व्रत को बारिकी से समझा रहे हैं। श्रावक समाज नियम संकल्प ग्रहण कर रहा है। यह जानकारी इंदरचंद डूंगरवाल ने दी।