बेंगलूरु। यहां वीवीपुरम स्थित महावीर धर्मशाला में बुधवार को रक्षाबंधन का पर्व विश्वविख्यात अनुष्ठान आराधिका व शासनसिंहनी साध्वीश्री डाॅ.कुमदलताजी आदि ठाणा-4 के पावन सान्निध्य मेें बड़ी संख्या में बहनों ने भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर मनाया गया।
इस अवसर पर गुरु दिवाकर केवल कमला वर्षावास समिति के तत्वावधान में विश्व के सभी जीवों की रक्षार्थ 30 फीट लंबी व 10 फीट चोड़ी राखी बनाकर प्रदर्शित की गई। इस अनूठे संदेश के बाद धर्मसभा में अपने प्रवचन में साध्वीश्री ने रक्षाबंधन के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देशभर में रक्षाबंधन का पावन पर्व श्रावणी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
साध्वीश्री ने कहा कि यह राग का नहीं वितराग का, भोग का नहीं योग का व प्रसाद का नहीं परमात्मा की सुख-शांति प्रदान करने वाला त्योंहार है। साध्वीश्री ने उपस्थित सभी भाईयों को बहन की तथा बहनों को भाई की रक्षार्थ तथा दोनों को सामूहिक रुप से इस संसार के सभी जीवों की रक्षा का आज के पावन दिवस पर संकल्प भी दिलवाया।
साथ ही गुरु दिवाकर दरबार में साध्वीवृंद द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ अभिमंत्रित की हुई राखियां बहनों के द्वारा अपने-अपने भाईयों की कलाइयों पर बांधी गई। आयोजन के लाभार्थी प्रकाशचंद धनराज राकेश विक्रम गोलेच्छा ‘मरुधर मेवा’ परिवार की ओर से 11 रजत व एक स्वर्ण राखी लक्की ड्रा के द्वारा प्रदान की गई।
साध्वीश्री महाप्रज्ञाजी ने गीतिकाओं की प्रस्तुतियां दी। साध्वीश्री डाॅ.पद्मकीर्तिजी ने अष्टलक्ष्मी प्रदाता व अष्टकर्मों का क्षय कर मोक्षप्राप्ति वाले सुखविपाक सूत्र के आठवें अध्याय का वाचन मय भावार्थ के किया।
समिति के महामंत्री चेतन दरड़ा ने बताया कि श्रीमती किरणबाई मूथा ने मासक्षमण का पच्चकान ग्रहण किया। समिति अनेक पदाधिकारियों द्वारा लाभार्थी परिवार एवं तपस्वी का सम्मान किया गया।
समिति के सहमंत्री अशोक रांका ने बताया कि धर्मसभा में चेन्नई व राजस्थान के भवानीमंडी के श्रद्धालुओं ने साध्वीवृंद के दर्शन व प्रवचन श्रवण का लाभ लिया।
महिला समिति की चेयरपर्सन श्रीमती उषा मूथा ने बताया कि साध्वीवृंद की प्रेरणा से रक्षाबंधन के पावन पर्व के श्रद्धालुओं में उत्साहवर्द्धन के तहत राखी डेकोरेशन व राखी थाली डेकोरशन प्रतियोगिता के प्रथम तीन-तीन विजेजाओं को भी पुरस्कृत किया गया। अशोककुमार गादिया ने संचालन किया। सभी का आभार जंबूकुमार बोहरा ने जताया।