सम्यक्त्व मोक्ष में जाने का आरक्षण है, मन वचन काया से देव गुरु धर्म के प्रति आस्था और विश्वास है तो मोक्ष में जाने का आरक्षण पक्का है।
देव गुरु धर्म के प्रति ये अटूट आस्था भले ही कुछ क्षणों के लिये जागृत हो तो भी यह हमें मोक्ष मार्ग की और अग्रसर कर देती है। कुछ क्षण को हम ऐसे समझ सकते है की एक गाय खुले मैदान में बैठी हो और आकाश में से राई के दानों की बारिश हो रही हो, वो राई का दाना गाय के सींग पर गिरे और क्षण मात्र में नीचे गिर जाएगा, बस इतने क्षण के लिए भी हमारी आस्था मन वचन काया से देव गुरु धर्म के प्रति हो जाए तो मोक्ष में जाने का टिकिट पक्का है। अर्ध पुद्गल परावर्तन काल में ऐसी आत्मा मोक्ष में जा सकती है।
पर्युषण पर्व के बाद भी श्रीसंघ में तपस्याओं का दौर चल रहा है। नमिता बोहरा, निधि खमेसरा, सिद्धि पोखरना,प्रिंयका नपावलिया, सोहम नपावलिया, प्रिंयका भटेवरा, साक्षी मूणत, ताराबाई भाणावत, प्रकाश मेहता, वन्दन पितलिया, सुशील बाफना, विशाल मेहता, ऋषभ कांठेड आदि कई तपस्वीयियों की तपस्या पर्युषण पर्व के दौरान हुई, जिनकी पूर्णाहुति पर श्रीसंघ द्वारा तपस्वीयों का बहुमान किया गया, इनमें से कुछ तपस्वी और आगे भी बढ़ेंगे । आज के जाप इन्दरमल सुनील कुमार बोथरा परिवार नीमचौक पर एंव दिनाँक 4 सितंबर के जाप हर्षदकुमार गजेंद्र कुमार मुरडिया पोरवाडो के वास पर होंगे।