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विनय ही धर्म है और जीवन का आधार भी —प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज

विनय ही धर्म है और जीवन का आधार भी —प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज

15 जुलाई खवासपुरा विनय ही धर्म संत शिरोमणी प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज ने श्री मरूधर केसरी रूप सुकन दरबार मे श्रध्दांलूओ को सम्बोधित करतें हुये कहाँ कि जीवन को संवारने के अनेकों मार्ग है ! उनमे से विनय ऐसा गुण जो मानव मे आ जाये तो जीवन को बदलने मे देर नही लगती ! वह धर्म के द्वारा ही आ सकता है ! मानव के जीवन मे विनय और नम्रता आना जरूरी है वो धर्म के द्वारा ही जीवन मे आएगी ! विनय धर्म भी है और जीवन का आधार भी !

इसदौरान नानेश मुनि और हितेश मुनि ने भजन और सुविपाक सूत्र का वाचन करते हुये कहां कि जीवन मे सुख पाना है तो राग द्वेष माया को त्याग ने पर जीवन मे सुख पाया जा सकता है! श्री संघ के अध्यक्ष प्रसन्नचन्द कोठारी महामंत्री जे विजयराज कोठारी ने बताया कि धर्म सभा मे पीपाड़,ब्यावर,जौधपुर पाली,अजमेर,सुरत आदि अनेको क्षैत्रो से पधारे अतिथियों का संघ के सदस्यों द्वारा धर्म सभा मे सुकनमुनि, महेश मुनि,हरीश मुनि आदि गुरू भगंवतो और गांववासियों की उपस्थिति मे शोल माला पहनाकर अभिनन्दन किया गया!

मीडिया प्रवक्ता सुनिल चपलोत

श्री वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ खवासपुरा

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