*☀️प्रवचन वैभव☀️*
*🪷 सद् उपदेशक:🪷*
*शासननिष्ठ सद्गुरु*
*सूरि जयन्त सेन कृपाप्राप्त,*
श्रुत साधक क्षमाश्रमण,
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
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*_501)_*
विनय
साधना का
मेरूशिखर हैं.!
*_502)_*
दुर्गति से
घातक दुर्मति है..!
*_503)_*
दुख मुक्ति,
सुख प्राप्ति तो
अतिरिक्त मुनाफा है,
धर्म का फल तो
स्वभाव में स्थिरता हैं.!
*_504)_*
अपने
स्वार्थ में
डूबा व्यक्ति
किसी का भला
नहीं कर सकता.!
*_505)_*
जिसको नित्य एवं
अनित्य का बोध हो गया,
उसको परमानंद स्वरूप
शीतगृह की प्राप्ति होती है.!
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*