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विद्या के साथ विनय और विवेक जरूरी : मुनि सुधाकर

विद्या के साथ विनय और विवेक जरूरी : मुनि सुधाकर

650 से अधिक किशोर एवं कन्याओं ने लिया हिस्सा

माधावरम्, चेन्नई 04.09.2022 ; आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकरकुमारजी एवं मुनि श्री नरेशकुमारजी के सान्निध्य में आचार्य महाश्रमण तेरापंथ जैन पब्लिक स्कूल में 650 से अधिक विद्यार्थियों के मध्य ज्ञानाराधना एवं स्मृति विकास में मंत्र, वास्तु आहार और जीवन की भूमिका पर विशेष प्रवचन एवं अनुष्ठान का भव्य आयोजन किया गयाl

 मुनि श्री सुधाकरकुमार जने  विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, विद्यार्थीं को अपने जीवन में विद्या के साथ-साथ विनय और विवेक का भी विकास करना चाहिए अन्यथा विद्या वरदान न बनकर, अभिशाप बन जायेगीl आज विद्या के प्रति सब का आकर्षण तो है, उसमें विनय और विवेक का जो अभाव बढ़ रहा है वह अत्यंत चिंतनीय हैl आज विद्या अभिमान का कारण बनती जा रही है, अभिमान का नशा शराब से भी भयावह नशा है, जिस प्रकार शराब के नशे में मनुष्य की चेतना लुप्त हो जाती है, उसी प्रकार अभिमान भी सत्य को अपने आवरण से ढक लेता हैl इस प्रकार अभिमानी व्यक्ति का आत्मिक विकास अवरुद्ध हो उठता हैल बाहुबलीजी घोर तपस्वी और महान योगी थे, पर अभिमान के कारण कुछ समय के लिए उनका ज्ञान भी अवरुद्ध हो गया थाl आज स्वाभिमान का विचार बढ़ रहा है, जो अच्छे भविष्य का सूचक हैl मुनिश्री ने आगमों में वर्णन जैन मंत्रों से भी स्मृति विकास के लिए अनुष्ठान एवं प्रयोग कराया, उसी के साथ वास्तु के नियम भी विस्तार में बतायेंl

  मुनिश्री नरेशकुमारजी ने सुमधुर गीतिका का संगान कियाl मंगलाचरण विल्लीवाक्कम विद्यार्थियों ने कियाl स्वागत स्वर ट्रस्ट बोर्ड प्रबंधन्यासी घीसूलाल बोहरा ने दिया। श्रीमती कन्याबाई भंसाली ने 26 उपवास की तपस्या का प्रत्याख्यान कियाl

  कार्यक्रम के प्रायोजक कुशलराजजी अशोककुमारजी बम्बोली परिवार का सम्मान ट्रस्ट बोर्ड की ओर से श्री माणकचन्दजी आच्छा एवं श्री रमेशजी परमार ने कियाl संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक श्री अर्पित चोरडिया एवं कृतिका पुगलिया ने किया।

  समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

  मीडिया प्रभारी : श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट, चेन्नई

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