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वर्षीतप के अराधको का सामूहिक रूप से किया गया सम्मान त्रिशला महिला मंडल के तत्वावधान मे

वर्षीतप के अराधको का सामूहिक रूप से किया गया सम्मान त्रिशला महिला मंडल के तत्वावधान मे

भीलवाड़ा। वर्षीतप अराधको का महिला मंडल ने समारोह मे किया सम्मान। महिला मंडल की अध्यक्षा कुसुम चपलोत तिजेश बापना ने बताया कि दोपहर न्यू आजाद नगर की त्रिशला महिला मंडल के नेतृत्व मे महाप्रज्ञ भवन मे वर्षीतप की तपस्या करने वाले तपस्वी भाई बहनो का समारोहों की सयुंक्त अध्यक्षा स्नेहलता धारीवाल व राजस्थान महिला जैन कॉन्फ्रेंस की नीता बाबेल तथा मुख्य अतिथि लाड कोठारी कांता चौधरी, बसंता डांगी, इन्द्रा बाफना तथा विशिष्ट अतिथियों मे ज्योती पोखरना रोशन देवी मेहता आदि के सानिध्य मे सम्पूर्ण जैन समाज की महिमा मंडलो की उपस्थिति मे तपस्वियों के तप की अनुमोदना करते हुये सम्मान किया गया। सम्मान समारोह के आरंभ मे मंगलाचरण भावना चौधरी रितिका पोखरना तथा लाड़ चौधरी, हंसा चौधरी गुणबाला पौखरना ने स्वागत गीत के माध्यम से तपस्वीयो का स्वागत किया।

मंडल बहनो ने नाटिका के मंचन द्वारा वर्षीतप का महत्व बताया गया। सम्मान समारोह का संचालन करते हुये स्नेहलता चौधरी ने बताया की इसदौरान मंडल की शीला चौधरी चंचल सुराणा, मंजु चौधरी, चन्दा कोठारी तथा श्रावक संघ के अध्यक्ष नेमी चन्द सुराणा, मंत्री प्रवीण कोठारी, अनिल चौधरी, विमल चौधरी तथा गौतम लब्दी फाउंडेशन मंत्री राजेश बापना, दिनेश चंडालिया, अशोक पोखरना, सुरेश सुराणा, प्रकाश चपलोत, सुरेश सूरिया, आदि के साथ सैकड़ों महिलाओं की उपस्थिति मे वर्षीतप की तपस्या करने वाला के तप की अनुमोदना करते हुये सम्मान किया गया और बताया कि जैन समाज सबसे बड़ा तप वर्षीतप है जो जैन धर्म के प्रथम भगवान आदिनाथ को 13 माह तक भिक्षा के रूप में कुछ नहीं मिला था।

तेरस मास के प्रश्चात आखातीज के दिन उनके सुपौत्र श्रेयांस कुमार ने गन्ने का रस पिलाया गया था। उसी दिन से जैन समाज सामुहिक रूप से वर्षीतप मनाता है और वर्षीतप करने वालो तपस्वियों को अक्षय तृतीया पर सामूहिख रूफ से पारणा गन्ने के रस द्वारा करवाया जाते है। इसदौरान पोखरना परिवार के सदस्यों ने पक्षीयों के लिये परिंडे वितरण किये ।

प्रवक्ता सुनिल चपलोत
त्रिशला महिला मंडल न्यू आजाद नगर भीलवाड़ा

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