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ज्ञान वाणी

वर्तमान पर निर्भर करता है भविष्य: उपप्रवर्तक विनयमुनि

वर्तमान पर निर्भर करता है भविष्य: उपप्रवर्तक विनयमुनि

चेन्नई. एमकेबी नगर जैन स्थानक में विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि ने कहा कि मनुष्य को धर्म के कार्यो से कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। पिछले जन्म में अच्छे कर्म करने वालों को मनुष्य भव मिला है। अपने आगामी भव को बेहतर करने के लिए इस भव को बेहतर बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दान-पुण्य के साथ पशु-पक्षियों को भी भोजन कराना चाहिए।

मनुष्य अगर अपने कल हो अच्छा और बेहतर बनाना चाहता है तो उसके लिए उसे आज ही बेहतर कार्य करने की जरूरत है। आज बेहतर होगा तो निश्चित रूप से कल बेहतर हो जाएगा। जीवन में आगे बढऩे के लिए अगल मार्ग चुनने की जरूरत नहीं होती बल्कि अगल करने की जरूरत होती है। जो दान, दया और धर्म के कार्यो से खुद को जोडऩे का कार्य करते हैं उनका जीवन सुखमय बन जाता है। सागरमुनि ने कहा परमात्मा ने अपने आचरण से उपदेश देकर सुख और शांति का मार्ग गठित किया है।

बहुत ही पुण्यशाली होने पर मनुष्य का भव मिलता है। इस भव में आकर जीवन को व्यर्थ नहीं करना चाहिए। परमात्मा ने आलोक के स्वरूप को बताया है, जो जीवन के तत्व को नहीं जानते वे लोक को भी नहीं जान सकते। आत्मा को जानने वाले पूरे लोक के स्वरूप को जान लेते हंै। अंधकार को जानने वालों के जीवन में प्रकाश आ जाता है। मनुष्य को समय निकाल कर जीवन में उपकार के कार्य कर लेने चाहिए।

अगर जीवन को ऐसे ही व्यर्थ कर दिया तो कुछ हासिल नहीं होगा। जीवन मिला है तो इसका उपयोग करना सिखना चाहिए। एक बार गया तो वापस नहीं मिलेगा। मनुष्य को अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए जीवन में बदलाव लाने का प्रयास करते रहना चाहिए। शनिवार को गुरुभगवंत विहार कर कोरुगपेट स्थित ओसवाल गार्डन पहुंचेंगे जहां प्रवचन होगा। दोपहर में सज्जनराज पदमचंद सिंघवी के निवास स्थान पहुंचेंगे जहां स्तोत्र पाठ एवं धर्म चर्चा होगी।

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