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लोक और आत्मकल्याण के उपदेष्ता भगवान ऋषभ – साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा*

लोक और आत्मकल्याण के उपदेष्ता भगवान ऋषभ – साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा*

माधावरम्, चेन्नई 25.03.2022 – तेरापंथ सभा के तत्वावधान में आचार्य महाश्रमण तेरापंथ जैन पब्लिक स्कूल के विशाल प्रांगण में आदिनाथ भगवान ऋषभ का जन्म एवं दीक्षा कल्याणक समारोह साध्वीश्री डॉ. मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में भव्य रूप से मनाया गया।

  साध्वीश्रीजी ने रिद्धि सिद्धि मंत्रो एवं ध्यान के द्वारा संपूर्ण श्रावक समाज को भक्तांबर अनुष्ठान करवाया। सैकड़ों लोगों ने उत्साह से भाग लिया। साध्वीश्री ने धर्मपरिषद् को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान ऋषभ ने करुणा करके जन-जन को आजीविका निर्वहन के लिए असि-मसि-कृषि का प्रशिक्षण दिया। उसके पश्चात आत्मकल्याण हेतु संयम मार्ग पर प्रस्तित हुए। आज का पवित्र दिन संयम की उर्जा प्राप्ति का दिन है। तप की ऊर्जा प्राप्ति का दिन है। तप प्रतिबोधक उस महान व्यक्तित्व ने दीर्घ तप का आराधन किया। आज के दिन वर्षीतप की परम साधना प्राप्त की जाती है।

  साध्वीश्रीजी ने विशेष रूप से आह्वान किया कि गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी के षष्ठीपूर्ति के अवसर पर अधिक से अधिक व्यक्ति इस वर्षीतप आराधना में अपने आप को योजित करें।

 साध्वी डॉ शौर्यप्रभाजी ने कहा भगवान ऋषभ ने अपनी ज्ञान चेतना और पुरुषार्थ से मन इच्छित लक्ष्य प्राप्त किया। साध्वीवृंद ने साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी द्वारा रचित ऋषभ गुणोत्कीर्तन का भावपूर्ण संगान किया। किशोर मंडल एवं ज्ञानशाला के बच्चों ने भक्तांमर रचना से जुड़े आध्यात्मिक प्रसंग को लघु नाटिका के माध्यम से मोहक प्रस्तुति दी। कविता जैन एवं रेखा मरलेचा ने इस नाटिका के संयोजिका का दायित्व निभाया। साध्वी डॉ राजुलप्रभाजी ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। साध्वी श्री जी की प्रेरणा से अनेक भाई बहनों ने वर्षीतप की साधना प्रारंभ की।

            स्वरुप चन्द दाँती

          प्रचार प्रसार प्रभारी

श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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