चेन्नई. वड़पलनी जैन स्थानक में विराजित जयधुरंधर मुनि ने कहा हर व्यक्ति को अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसे प्राप्त करने के लिए सम्यक पुरुषार्थ करना चाहिए।
जीव के वर्तमान का पुरुषार्थ ही उसके भविष्य का भाग्य बनता है। मात्र भाग्य के भरोसे बैठे रहने से सफलता प्राप्त नहीं हो सकती।
मुनि ने धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन्हें चार प्रकार के पुरुषार्थ का वर्णन करते हुए धर्म और मोक्ष के प्रति पुरुषार्थ करने हेतु प्रेरित किया।
संसार के मार्ग में उलझन ही उलझन है जबकि संयम का मार्ग अमित शांति प्रदान करने वाला।
संघ के अध्यक्ष प्रकाश चंद बोहरा ने बताया मुनि गण के सानिध्य में बुधवार को होली चातुर्मास का कार्यक्रम प्रात: 9.30 बजे से तप त्याग पूर्वक होगा।