चेन्नई. ताम्बरम जैन स्थानक में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में साध्वी धर्मलता ने कहा गुरुदेव रूपमुनि जीवदया व मानवसेवा के
देवता थे।
उनके मन में गरीबों के प्रति दया भाव था, यही कारण था कि उन्होंने चिकित्सा, स्वास्थ्य, अध्ययन व मानवसेवा जैसी योजनाएं संचालित की। उनका जीवन अनेक विशेषताओं का संगम स्थल था।
अशोक कोठारी, मोतीलाल गांधी, अरविंद-सुरेश गुंदेचा एवं पदमा दरड़ा भीलवाड़ा ने भी उनका गुणगान किया।