चेन्नई. साहुकारपेट मे विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने बुधवार को कहा कि पाप करने के बाद करोड़ो होने पर भी मनुष्य उसका लाभ नहीं ले पाता है। मनुष्य को लेने के साथ देने की भी भावना रखनी चाहिए। जीवन में आगे जाना है तो देना भी सीखे।
साध्वी सुविधि ने कहा कि आज के समय मे लोग अहंकार की वजह से अपने रिश्तेदारों से दूर होते चले जा रहे है। जहाँ अपेक्षा होगी वहा रिश्तो में दरार आना संभव है। इसकी रक्षा के लिए समझौता करना सीखना होगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी वस्तु को चिपकाना आसान होता है पर जोडऩा बहुत ही मुश्किल होता है। किसी भी रिश्ते में अगर किसी बात को लेकर दरार आये तो उसकी जड़ तक जाकर जोड़ लेना चाहिए।
याद रहे कि अगर परिवार के साथ अच्छा व्यवहार रहा तो मनुष्य को लोकप्रिय बनने के लिए कहीं जाने की जरूरत नही होगी। जब तक मनुष्य संसार मे है तब तक बिना रिश्तों के उसका जीवन नहीं चलेगा। संसार के प्रत्येक जीव को एक दूसरे की जरूरत है।
अहंकार को दूर कर सहनशीलता रखना चाहिए। दुनिया मे मनुष्य लड़ कर नही बल्कि सहन कर ऊंचाइयों पर जा सकता है। पहले तो रिश्ते को टूटने न दो अगर टूट जाये तो उसे जोड़ दो। जो रिश्तों को जोड़ कर चलता है वही धर्म के कार्य भी कर सकता है। अहंकार से बचने वालो के जीवन का कल्याण हो जाता है।