तेरापंथ युवक परिषद, बैंगलोर के तत्वाधान में मुनिश्री अर्हत कुमारजी के सानिध्य में रिश्तों की डोर ना हो कमजोर विषय पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुनिश्री ने श्रद्धालुओं को कहा धरती पर स्वर्ग तब उतर आता है जब किसी परिवार मे खुशहाली छाई रहती है। जहां आपस मे स्नेह है, प्रेम है, अपनत्व है , समर्पण है तो समझना है स्वर्ग और कही नहीं है। पर जहां क्लेश है टुटन-फुटन है, वैमनस्य है, वैर विरोध है, तो वह परिवार साक्षात् नरक है। परिवार में सबसे अहम रिश्ता है पति और पत्नि का। यह रिश्ता बहुत कीमती होता है। रिश्तो को बनाने में नही निभाने मे विश्वास रखिए। इसलिए अगर पति पतंग बने तो पत्नि उसकी डोर बन जाए। पति अंगार बने तो पत्नि गंगा की धार बन जाए। रिश्ते में एक रूठने मे एक्सपर्ट है तो दूसरा मनाने में परफेक्ट होता है। बस आप परफेक्ट बन जाए रिश्ते अपने आप सुनहरे बने रहेगे। स्वार्थ की खटास रिश्तो को फाड़ देती है।
मुनि भरत कुमार ने कहा रिश्तों की डोर ना हो कमजोर, इस बात पर हो पूरा जोर, देव गुरु धर्म की कृपा से व सम्यक प्रयास से, उगे आपके जीवन में सुनहरी भोर। मुनि जयदीप कुमार ने गीत का संगान किया। मुनिश्री द्वारा ग्रह शांति कैसे रहे पर विशेष मंत्रोच्चारण कराया। युवक परिषद अध्यक्ष प्रदीप चोपड़ा ने सभी का स्वागत किया आत्मा रक्षा कवच मंत्र का उच्चारण विक्रम दुगड़, जितेंद्र घोषाल और अरविंद बैद ने कराया। विधायक सौम्य रेड्डी ने विचार व्यक्त किए।
संगीता देवड़ा ने धर्म चक्र तप का प्रथयाखान किया, आशा खटेड, ने अठाई एवं राकेश खटेड ने 5 के प्रथयाखान किया| मंत्री विकास बाबेल ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महासभा से प्रकाश चंद लोढ़ा। सभा अध्यक्ष कमल सिंह दुगड़, मंत्री गौतम मांडोत, ट्रस्ट अध्यक्ष प्रकाश बाबेल, महिला मंडल अध्यक्षा स्वर्ण माला पोखरणा, टी पी एफ अध्यक्ष लक्ष्मीपति मालू, विशिष्ठ जन, पदाधिकारीगण, कार्यकारिणी सदस्य एवं श्रावक समाज की उपस्थिति रही|