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ज्ञान वाणी

राष्ट्र-संतों का गुजरात में हुआ आगमन

राष्ट्र-संतों का गुजरात में हुआ आगमन
गुजरात। राष्ट्रसंत श्री ललितप्रभ जी व राष्ट्रसंत श्री चंद्रप्रभ जी का गुजरात राज्य में आगमन हुआ। इस अवसर पर भिलाड़ के श्रद्धालुओं ने धूमधाम से जुलूस निकाला जो रेलवे फाटक होते हुए बैंक आॅफ बड़ोदा स्थित जैन भवन पहुंचकर धर्मसभा में बदल गया। इस दौरान डाॅ. मुनि शांतिप्रिय सागर ने मंगल पाठ सुनाया।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रसंत श्री ललितप्रभ जी ने कहा कि जो काम रुमाल से निपट सकता है उसके लिए रिवाल्वर न निकालें और जो बात मिठास से कही जा सकती है उसके लिए खटास न घोलें। याद रखे, बड़े सम्राट द्वारा किए गए गुस्से की बजाय भिखारी की क्षमा और शांति कई गुना महान होती है। जब महावीर कानों में कीले ठुकवा सकते हैं और कृष्ण शिशुपाल की 99 गलतियों को माफ कर सकते हैं तो क्या हम किसी के दो कड़वे शब्द भी सहन नहीं कर सकते और किसी की दो गलतियों को माफ करने का बड़प्पन भी नहीं दिखा सकते। जो खुद से गलती हो जाने पर माफी मांग लेता  है और औरों से गलती हो जाने पर माफ कर देता है वह गुस्से को जीतने में सफल हो जाता है।
उन्होंने कहा कि लोभ और काम से व्यक्ति को कुछ मिलता भी होगा, पर गुस्से से आज तक किसी को कुछ न मिला। गुस्सा जब भी आता है व्यक्ति को आउट-ऑफ-कंट्रोल कर उसका सर्वनाश कर देता है। गुस्से से रिश्ते टूट जाते हैं, केरियर चैपट हो जाता है, ग्राहक वापस नहीं आते हैं, पढ़ाई प्रभावित हो जाती है, इमेज खराब होती है और स्वास्थय बिगड़ जाता है। व्यक्ति गुस्से में अपने ही बच्चे को पीट देता है और सामान को फोड़ देता है।
मुस्कुराने की आदत डालें-गुस्से को जीतने का पहला टिप्स देते हुए संप्रवर ने कहा कि जीवन में मुस्कुराने की आदत डालें। कोई भी व्यक्ति मुस्कुराते हुए गुस्सा नहीं कर सकता। उन्होंने पुरुषों से कहा कि अगर पत्नी कभी गुस्से में आकर कहे कि तुम तो जानवर हो तो गुस्सा करने की बजाय मुस्कुराना और कहना, तू मेरी जान और मैं तेरा वर इस तरह हम दोनों मिलकर हो गए जानवर।
गुस्से को जीतने के लिए टिप्स-गुस्से को जीतने के कुछ टिप्स देते हुए संतप्रवर ने कहा कि जब भी गुस्सा करना हो तो चोघडिये में अच्छा सा मुहुर्त देखकर करें। अगर हम अमृतसिद्धि योग में गुस्सा करेंगे तो वह कालसर्पयोग हो जाएगा और कालसर्पयोग में भी शांति रखेंगे तो वह अमृतसिद्धि योग बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक दिन क्रोध का उपवास करें, गुस्से के माहोल में स्वयं को अनुपस्थित समझें और सोचें कि अगर मैं यहाँ नहीं होता तो इनका जवाब कौन देता। गुस्से में बोलना जरूरी हो तो टेलीग्राम की भाषा में बोलें, सीमित और मीठे शब्दों में अपनी बात कहें, मुस्कुराते हुए जवाब दें, खड़े हैं तो बैठ जाएं, बैठे हैं तो लेट जाएं, दो गिलास ठण्डा पानी पी लें, मुँह में टॉफी डाल लें, गुस्से के स्थान को छोड़ दें, दिन में आधा घंटा मौन रहने की कोशिश करें, बातचीत को बंद न करें और सामने वाले की बात को नजरअंदाज कर क्षमा कर दें। फिर भी बात न बने तो अंतिम चरण में गुस्सा करें मगर प्यार से।
कार्यक्रम का मंच संचालन नितीन रानावत ने किया और आभार पंकज जैन ने दिया। इस अवसर पर साहित्य की प्रभावना रायचंद जैन, नरेन्द्र जैन, फूलचंद जैन, कांतिलाल जैन, पंकज जैन, ज्ञानचंद जैन, भरत जैन, चंदन बहन सम्पतराज जैन द्वारा दी गई।
8 दिसम्बर को वापी के मानव कल्याण ट्रस्ट में होगा प्रवचन- श्री राजस्थान मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा राष्ट्रसंतों का कल 8 दिसम्बर को सुबह 9 बजे हनुमान रोड़ नगरपालिका के पास स्थित मानव कल्याण ट्रस्ट में घर को कैसे स्वर्ग बनाएं पर प्रवचन होगा। इससे पूर्व 8 बजे भैरू धाम स्थित सुपारसनाथ जिनालय से भव्य सामैया निकलेगा।

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