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राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा. की निश्रा में कीकरवालारूपा में देवी भागवत कथा जारी 

राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा. की निश्रा में कीकरवालारूपा में देवी भागवत कथा जारी 

भैरवाष्टमी महोत्सव काशी में

अनेक क्षेत्रों से वाराणसी जाने के लिए निशुल्क यात्रा व्यवस्था जोर-शोर से शुरू

मंत्रशक्तिपात से लोगों की जेब में मिले चमत्कारिक सिक्के, नोट तथा लक्की ड्रा में सोने–चांदी के सिक्के व उपहार भी बांटे

कृष्णगिरी। विश्व शांतिदूत, श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधीश्वर, राष्ट्रसंत परम पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब की पावन निश्रा में आगामी 9 से 16 नवंबर तक ऐतिहासिक भैरव अष्टमी महोत्सव पर्व की तैयारियां पंजाब के कीकरवालारुपा यानी फाजिल्का जिले से निशुल्क यात्रा की व्यवस्थाओं के साथ प्रारंभ हो गई है। काशी में अष्ट दिवसीय इस आयोजन में निशुल्क भंडारे सहित विराट भैरव भक्ति का अनुपम कार्यक्रम होगा। इसके लिए 60 हजार स्क्वायर फीट के पंडाल में अष्ट भैरव सहित एक लाख आठ हज़ार भैरव देव की मूर्तियां निर्मित होगी। साथ ही पूज्यश्रीजी द्वारा इस दौरान धन समृद्धि प्रदायक अष्ट सिद्धि ताम्र यंत्र काशी में ही
आगंतुक समस्त श्रद्धालु भक्तों को प्रदान किया जाएगा। यह जानकारी उन्होंने यहां श्रीमद् देवी भागवत कथा महापुराण वाचन के चौथे दिन बुधवार को दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बगैर भोजन की थाली बेकार है, बगैर भोजन के शरीर नहीं है, उसी प्रकार बगैर संस्कार के भक्ति नहीं टिकती है। पंजाब राज्य सहित 14 प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भक्ति में उत्तमता का भाव होना जरूरी है। वे बोले कि रावण में भी भक्ति थी मगर उसमें योग्यता नहीं थी। संस्कार पहले हो, फिर ही भक्ति सार्थक होगी।

संस्कार एवं योग्यता बढ़ाने की प्रेरणादाई सीख देते हुए डॉ वसंतविजयजी महाराज ने कहा कि योग्य एवं संस्कारवान व्यक्ति को किसी के समक्ष भीख नहीं मांगनी पड़ती उसे बगैर मांगे हर चीज मां पद्मावतीजी प्रदान कर देती है। आध्यात्म योगीराज संत श्रीजी ने कहा कि संसार व्यक्ति का प्रजेंटेंशन देखता है, जबकि जगत जननी मां इंटेंशन देखती है। स्वयं को सदैव सत्य के मार्ग पर रखते हुए पवित्र, दयावान एवं अहिंसक बनाते हुए माता पिता गुरु के प्रति समर्पित रखना चाहिए। उन्होंने संतों की वाणी की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए अनेक प्रसंगों के साथ कहा कि साधक संत महापुरुषों की, शास्त्रों की ही बात करके समाज को सुख–समृद्धि प्रदायक संस्कार बांटते हैं।

इस दौरान साधना के शिखर पुरुष, मंत्र शिरोमणि परम पूज्य गुरुदेव डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने मंत्र शक्तिपात किया, जिससे उपस्थित अनेक लोगों की जेब में चमत्कारिक रुप से सिक्के, नोट, कुमकुम सहित अनेक रत्न प्राप्त हुए। साथ ही इस दौरान लक्की ड्रॉ के माध्यम से सोने, चांदी के सिक्के विभिन्न प्रकार के होम अप्लायंसेज उपहार भाग्यशाली श्रद्धालु भक्तों को बांटे गए। आयोजन से जुड़ी श्रीमती सुनीता सिहाग ने बताया कि कार्यक्रम में श्रीमती कविता–धीरज, ममता–नवनीत, रुद्राक्ष व कुंवर ने देवीभागवतजी की आरती एवं हवन यज्ञ का लाभ लिया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किया गया। राजस्थान एवं दिल्ली के अनेक कलाकारों ने विभिन्न सांस्कृतिक झांकियां प्रस्तुत की।

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