दिनांक 26/12/2022 से 03/01/2023 तक रामेश्वरम धाम में राम -कथा का आयोजन किया गया | कथाकार मुरलीधर जी महाराज दुवारा आज कथा विराम दिवस था!राम -कथा हिन्दू धर्म, सनातन धर्म के अनुसार किसी पवित्र स्थान पर की जाती हैं तो उसका लाभ कई गुणा ज्यादा मिलता हैं आयोजन और सुनने वालों दोनों को |
हिन्दू धर्म के अनुसार चार धामों को मान्यता प्रदान की गई जिसमे रामेश्वरम को सबसे बड़ा धाम माना गया हैं क्योंकी यहाँ भगवान श्री राम दुवारा लंका पर विजय पाने के लिये भगवान शिव की पूजा मिट्टी के शिव लिंग बनाकर की और लंका पर उनकी जीत हुई उसी जगह को आज रामेश्वरम धाम के नाम से जाना जाता हैं |
आज राम -कथा के विराम दिन के सुअवसर पर भक्त जूम उठे, आनंदित हो गये! आँखों से आँसू आने लगे क्यों की राम -कथा का लाभ पिछले 8 दिनों से लें रहे थे इस अवसर पर कथा वाचक श्री मुरलीधर जी महाराज ने कहा कि मोह के जाल में नहीं फसना चाहिए क्योंकि ज़ब अंतिम समय आता हैं तब आत्मा को अपनों से मोह के कारण मुक्ति नहीं मिलती उनको वापस किसी रुप में आना पड़ता हैं! इसलिये उन्होंने यह भी कहा कि मेँ कथा पूर्ण तक हीं भक्तों से सबंध रखता हूँ बाद मेँ किसी को भी याद नहीं करता हूँ |
कथा विराम के दौरान आगामी राम -कथा के आयोजन प्रोग्राम के बारे में बताया | अगले वर्ष भी दिनांक 26/12/2023 से 03/01/2024 को हीं राम -कथा का आयोजन होगा!
राम -कथा के आयोजन में भोजन प्रसादी के लाभार्थी श्री मान अशोक कुमार जी सुथार, श्री हनुमान राम जी सुथार और श्री श्याम सुन्दर जी सुथार चेन्नई से थे ज्ञात रहे कि इन्होने चेन्नई में भी श्री राम -कथा का आयोजन करवाया था!
जय श्री राम 🙏