राजस्थानी एसोसिएशन तमिलनाडु के माध्यम से राजस्थानी समाज ने सेवा के कीर्तिमान स्थापित किए हैं तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय अन्नादुरई के कर कमलों से स्थापित आपकी यह एसोसिएशन स्थानीय समाज के साथ तालमेल के साथ सेवा कार्य कर रही है तदर्थ बहुत बहुत बधाई ये उद्गार व्यक्त किए तमिलनाडु विधानसभा के जोलारपेट श्रेत्र के विधायक श्री के देवराज ने।
श्री के देवराज दिनांक 17 दिसंबर 2023 प्रातः 10:00 बजे येलगिरी की सुरम्य वादियों में स्थित होटल हिल्स के प्रांगण में आयोजित रजत के राज्य परिषद अधिवेशन मुख्य अतिथि की रुप में उपस्थित थे ।
प्रारंभ में प्रार्थना एवं तमिल ताय वालत्तु के पश्चात रजत अध्यक्ष श्री मोहन लाल बजाज ने उपस्थित सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि राजस्थानी एसोसिएशन तमिलनाडु सदैव राजस्थानी समाज को एकजुट कर सामाजिक हितों की सुरक्षा के लिए तत्पर है, राज्य परिषद चेयरमन रजत के निवर्तमान अध्यक्ष श्री लिकमी चंद सिंघवी ने राज्य परिषद की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी रजत के महासचिव श्री देवराज आच्छा ने रजत की गतिविधियों एवं सेवा कार्य की जानकारी प्रस्तुत कीl
राज्य परिषद संयोजक श्री जयंतीलाल तेलीसरा ने राज्य परिषद के उद्देश्यों के बारे में बताया । मुख्य अतिथि का परिचय श्री ज्ञानचंद आंचलिया ने दिया तत्पश्चात माला शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर निर्वाचित अध्यक्ष श्री प्रवीण टाटिया, लिकमी चंद सिंघवी व अध्यक्ष श्री मोहनलाल बजाज ने मुख्य अतिथि का स्वागत अभिनंदन किया श्री मरुधर केसरी जैन ट्रस्ट के पदाधिकारियों का अभिनंदन किया गया। सहमंत्री श्री ज्ञानचंद कोठारी ने कुशल संचालन किया।
अधिवेशन के दूसरे चरण में रजत के कांचीपुरम व सीरकाली चैप्टर के पदाधिकारी ने प्रस्तुति दी रजत के सह मंत्री श्री अजय नाहर ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। 2 दिन चले इस कार्यक्रम में करीब 125 व्यक्तियों ने भाग लिया।
चेन्नई के अलावा कांचीपुरम चेंगलपेट सिरकाली वनियामबाड़ी चिदम्बरम काटमनार कोविल आदि जगहों से भी सदस्य उपस्थित रहे। प्रथम दिन रात्रि में कवि सम्मेलन व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका सभी प्रतिभागियों ने आनंद लिया। मरुधर केसरी कॉलेज के तमिल विभाग रिसर्च के डिपार्मेंट हेड बालसुब्रमण्यम जी ने लाइफ इस ब्यूटीफुल पर सुंदर प्रस्तुति दी।
श्री मरुधर केसरी जैन ट्रस्ट वानियम्बाडी के पदाधिकारियों ने जोलारपेट स्टेशन से लेकर येलगिरी जाकर पुनः जोलारपेट से रवाना होने तक सारी व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित रूप से संपादित किया व सुंदर आतिथ्य प्रदान किया। पूरे कार्यक्रम में सर्व श्री लख्मीचंद सिंघवी, जयंतीलाल तेलीसरा प्रवीण टाटिया, अजय नाहर, ज्ञानचंद कोठारी, राधेश्याम मुंदड़ा गोविंद मूंदड़ा, महेन्द्र कुंकुलोल, गौतमचंद डागा, गीरी बागड़ी, अजीत नागोरी, राजेंद्र बेताला, कांता बीसानी आदि सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।