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युवक अपने दायित्व के प्रति रहे सजग : मुनि श्री ज्ञानेन्द्रकुमार

युवक अपने दायित्व के प्रति रहे सजग : मुनि श्री ज्ञानेन्द्रकुमार

अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में तेरापंथ युवक परिषद् चैन्नई द्वारा दक्षिण भारत स्तरीय दायित्व बोध कार्यशाला प्रथम चरण का  आयोजन मुनिश्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी एवं मुनिश्री रमेश कुमार जी के संयुक्त सान्निध्य में साहूकारपेट स्थित तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ। इस कार्यशाला में कार्यकर्ता प्रक्षिक्षण, शपथ ग्रहण एवं वृहद् सामायिक कार्यशाला का आयोजन हुआ।

जैन ध्वजारोहण अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विमल जी कटारिया ने किया ओर कार्यशाला का प्रारंभ हुआ। मुनिश्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी के महामंत्रोच्चारण के पश्चात अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल जी कटारिया ने दायित्व बोध कार्यशाला की विधिवत घोषणा करते हुए श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। नवीन बोहरा ने विजय गीत का संघान किया। 

दायित्व बोध पर प्रवचन देते हुए मुनि ज्ञानेन्द्र कुमार जी ने कहा- दायित्व निभायेंगे तो विजय होगे । दायित्व नहीं निभायेंगे तो विजय भी नहीं होंगे । सबसे पहले समझे दायित्व किसका है ? पद का दायित्व है , प्रतिष्ठा का दायित्व है या फोटो खिचाने का दायित्व है ।

आजकल फोटो का दायित्व बहुत देखने को मिलता है । कुछ कार्य किया फोटो न लिया तो उस कार्य को शायद अधूरा माना जा रहा है। कुछ भी नहीं किया और फोटो ले लिया तो बस कार्य सफल हो गया । तब तो केवल नाम पद प्रतिष्ठा का ही दायित्व रह गया । इसे गहराई से सोचे दायित्व सभी युवकों का पदाधिकारियों का और कार्यकर्ताओं का होता है हम परिषद् के हर कार्य को अपना दायित्व समझकर निर्वहन करना चाहिए ।

मुनि रमेश कुमार जी ने कहा- युवक शक्ति के पुंज होते हैं । बहुत कुछ करने का जज्बात भी रखते है। परन्तु दायित्व का सम्यक् बोध न हो तो उस शक्ति का लाभ किसे भी नहीं मिलता। दायित्व बोध बहुत बङा  होता है। उसमें युवा पीढ़ी पर अनेक क्षेत्रों का दायित्व होता है । जैसे – परिवार, समाज , शिक्षा,  सेवा , व्यापार,  राष्ट्र और धर्म । इस प्रकार दायित्व बोध का वृहद् क्षेत्र है। तेरापंथ युवक परिषद् हमारे धर्म संघ की वह संस्था है जहाँ युवकों को संगठित होकर कार्य करने का अवसर मिलता है।

मुनि विमलेश कुमार ने कहा- युवकों में नया जोश होता है , नया चिन्तन भी होता है इस दृष्टि से युवक दायित्व बोध के साथ  बहुत कुछ कर सकते हैं । 

मुनि सुबोध कुमार ने कहा- शक्ति और शांति ये दो ऐसे शब्द है जो बहुत प्रचलित है l तेयुप चैन्नई के अध्यक्ष प्रवीण सुराणा ने समागत सभी युवा साथियों का भावभरा स्वागत किया । निवर्तमान अध्यक्ष एवं प्रांतीय संयोजक भरत मरलेचा, राष्ट्रीय सहमंत्री रमेश डागा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री पवन मांडोत दायित्व बोध कार्यशाला के राष्ट्रीय संयोजक अमित नाहटा आदि ने भी अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये । 

इस कार्यशाला में आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना , तमिलनाडु,  कर्नाटक, के परिषदों की अनेक क्षेत्रों के सैकड़ो युवकों ने भाग लिया ।
अलग अलग शेषन में अभातेयुप के उपक्रमों की जानकारी दी गई। जिज्ञासा एवं समाधान किया गया। तेयुप चेन्नई द्वारा आयी हुई सभी परिषदों का मेमोंटो द्वारा सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष श्री गजेन्द्र जी खाँटेड ने दिया।।

स्वरूप  चन्द  दाँती
विभागाध्यक्ष  :  प्रचार – प्रसार
आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति 

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