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युग प्रवर्तक थे श्री अमर गुरुदेव – राज्यपाल गहलोत

युग प्रवर्तक थे श्री अमर गुरुदेव – राज्यपाल गहलोत

बैंगलुरु (कर्नाटक): उत्तर भारत गौरव, उप-प्रवर्तक गुरुदेव श्री पंकज मुनि जी म. के परम सान्निध्य एवं दक्षिण सूर्य, ललित लेखक, ओजस्वी प्रवचनकार गुरुदेव डाॅ. वरुण मुनि जी म. की मंगलमयी प्रेरणा से आयोजित गुरु अमर संयम अमृत महामहोत्सव के भव्योत्सव का पंच दिवसीय चिर-स्मरणीय आयोजन 1 से 5 अक्तूबर 2025 तक श्री गुजराती वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ के तत्वावधान में आयोजित हुए। शासन‌ प्रभाविका श्री रिद्धि जी म सा (एम.ए.), धर्म प्रभाविका पू. विदूषी साध्वी श्री पावनरत्ना जी म. ने अपने उद्बोधनों में जहां गुरुदेवों की महानता को श्रमणसंघ में उच्चस्थ बताया वहीं उन्होंने डाॅ. वरुण मुनि जी म. को इस ऐतिहासिक, अनुशासित एवं सुन्दर आयोजन के लिए बधाई भी दी। मौन साधनाचार्य श्री बसंत मुनि जी म सा, शासन‌ प्रभावक श्री पुलकित मुनि जी महाराज सा, महासती श्री उपासना जी महाराज सा ने प्रवर्तक श्री अमर मुनि जी महाराज सा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।

कर्नाटक प्रदेश के राज्यपाल माननीय श्री थावरचन्द जी गहलोत सा. ने जैन धर्म की शिक्षाओं को समाजहित में सदैव प्रासंगिक बताते हुए कहा कि जिस प्रकार पुरातन काल में भगवान महावीर की शिक्षाएँ यथेष्ट थीं वैसे ही आज सम्पूर्ण विश्व को उन शिक्षाओं की परम आवश्यकता है, मानव को उन्हें अपने जीवन आचरण में अपनाना चाहिए। पूज्य गुरुदेव प्रवर्तक श्री अमर मुनि जी महाराज ने उनकी वाणी को पूरे विश्व में पहुंचाया सचित्र जैन आगम के द्वारा, उनके इस महान कार्य का मैं अभिनंदन करता हूं और उन्हें वंदन करता हूं।
इसके साथ ही कर्नाटक प्रदेष के राज्यपाल महोदय श्री थावरचन्द जी गहलोत सा.ने सेवा सुमेरु पूज्य गुरुदेव श्री पंकज मुनि जी म. को ‘राष्ट्रसन्त’ तथा दक्षिण सूर्य, ओजस्वी प्रवचनकार गुरुदेव श्री वरुण मुनि जी म. को ‘भारत गौरव’ के प्रतिष्ठित अलंकरण से विभूषित किया। राज्यसभा सांसद समाज गौरव श्री लहरसिंह जी सिरोया जैन सा. ने पूज्य गुरुदेव श्री अमरमुनि जी म. का जहां पावन स्मरण किया, वहीं उन्होंने प्रथम जैनाचार्य श्री आत्माराम जी म., युवाचार्य श्री शुक्लचन्द्र जी म., भंडारी श्री पद्मचन्द्र जी म., वर्तमान आचार्य सम्राट् श्री शिवमुनि जी म. आदि संतों की श्रमणचर्या को उत्तम बताया तथा डाॅ. वरुणमुनि जी म. एवं आयोजकों को इस सुन्दर आयोजन के लिए शुभकामनाएं भी प्रदान कीं।

गुरुनिष्ठ सुश्रावक, परम समर्पित गुरुभक्त एवं गुरु अमर संयम अमृत वर्ष आयोजन समिति चेयरमैन तथा पद्म प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष समाजरत्न श्री महेन्द्र जी जैन सा. (नरेला, दिल्ली) ने श्रमणसंघ के महान संतों के जीवन का जहां गुणगान किया वहीं उन्होंने गुरु सेवा के प्रति अपनी निष्ठा का भी ज़िक्र करते हुए कहा कि पूज्य भंडारी जी म. का उनके जीवन में आशीर्वाद कृपा रूप में आज भी बना हुआ है। उन्होंने गुरुदेवों के वात्सल्य भावों को करुणापूर्ण शब्दों में व्यक्त किया।
श्रुताचार्य पूज्य गुरुदेव श्री अमर मुनि जी म. सा. विरचित अनेक आगमों का विमोचन भी किया गया, जिसमें भक्तामर महिमा, श्री उत्तराध्ययन सूत्र (चतुर्थ संस्करण) विमोचनकर्ता श्री वजीर चंद जैन, सचित्र श्री भगवती सूत्र (भाग-आठ) आगम विमोचन गुरुभक्त श्री अनिल जी जैन (रोहिणी, दिल्ली), सचित्र अमर कथाएँ विमोचनकर्ता श्री सन्दीप जी जैन- (मानसा, पंजाब) का सहयोग पूर्ण रूप से प्राप्त हुआ।इस मंगलकारी सुअवसर पर समाज के गणमान्य सेवार्थियों को गुरु अमर सेवा सम्मान प्रदान किए गए, जिनमें संघ प्रमुख श्री राजेश जी मेहता, बैंगलुरु को उनके द्वारा उत्कृष्ट धार्मिक, सामाजिक व जन-कल्याणकारी सेवाओं हेतु संघ शिरोमणि दानवीर भामाशाह सम्मान सम्मान से विभूषित किया गया।

5 सोने एवं 70 चाँदी सिक्के के लाभार्थी युवारत्न श्री चेतन जी रैदासनी व समस्त परिवारजन (बैंगलुरु-पीह, ब्यावर) विश्व शान्ति जाप प्रसाद लाभार्थी समाजरत्न श्री महेन्द्र जी जैन परिवारजन (दिल्ली) रहे। अन्य आयोजनों में ‘संयम अमृत लोगो’ के सप्त सन्देष पर आधारित धार्मिक चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई। गुरु वरुण संयम जीवन पर आधारित चलचित्र (डाक्यूमैन्ट्री) का भव्य लोकार्पण किया गया, जिसमें डाॅ. श्वेता राठौड़ का समर्पित सहयोग मिला। समारोह के अल्पाहार लाभार्थी अखिल भारतीय श्रुताचार्य श्री गुरु अमर संयम अमृत महामहोत्सव आयोजन समिति, गौतम प्रसादी लाभार्थी श्री गुजराती वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ, गाँधी नगर, बैंगलुरु, की-चेन प्रभावना लाभार्थी श्रीमान सम्पतलाल, अरविन्द कुमार, राजेष कुमार ढीलीवाल (बैंगलुरु), वैय्यावच्च लाभार्थी श्रीमान दिनेष जी, ऋशभ जी ढीलीवाल (बैंगलुरु) रहे।

कार्यक्रम के दौरान गुरु भक्ति गुणगान का उपस्थित श्रद्धालुओं ने भरपूर आनन्द उठाया, जिसकी प्रस्तुति जैन संगीतकार युवारत्न श्री डी. के. जैन (दिलखुश भाई) द्वारा दी गई। समारोह के अनुषासनबद्ध संचालन में श्री गुजराती जैन युवक मण्डल के अध्यक्ष-श्री वरुण गाँधी, श्री गुजराती महिला मण्डल की अध्यक्षा-श्रीमती सीमाबेन पारेख व उनकी टीम का जहां परम सहयोग प्राप्त हुआ वहीं विषेश सहयोगी के रूप में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, राजाजी नगर, बैंगलुरु का भी अतुलनीय सहयोग प्राप्त हुआ। बैंगलुरु के सकल दिगम्बर, मूर्तिपूजक, तेरापंथ व स्थानकवासी जैन समाज का भी योगदान प्रशंसनीय रूप से बना रहा। श्री गुरु अमर संयम अमृत वर्ष आयोजन समिति के पदाधिकारीगण चेयरमैन – श्री महेन्द्र जैन (नरेला, दिल्ली), राष्ट्रीय अध्यक्ष – श्री आनन्दमल छल्लाणी जैन (चेन्नई), राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष – श्री रामनिवास जैन (दिल्ली), वरिश्ठ मार्गदर्शक – श्री लहर सिंह सिरोया जैन आदि ने पूज्य गुरुदेव श्री अमर मुनि जी म. के संयम अमृत वर्ष हेतु मिले दायित्वों को पूर्ण श्रद्धानिष्ठ भावों के साथ निभाया।श्री गुरु अमर संयम अमृत महामहोत्सव समापन से पूर्व दक्षिण सूर्य, ललित लेखक, ओजस्वी प्रवचनकार पूज्य गुरुदेव डाॅ. वरुण मुनि जी म. ‘अमर षिश्य’ ने कार्यक्रम में अपनी गरिमामयी उपस्थिति द्वारा समारोह को उत्कर्ष प्रदान करने वाले संत-सतीवृन्द, राजनेताओं, सामाजिक महानुभावों तथा सभी ज्ञात-अज्ञात सहयोगियों के प्रति हृदय से आभार प्रकट किया। पूज्य गुरुदेव श्री पंकज मुनि जी म. ने मंगलपाठ प्रदान करते हुए कृपावर्षण किया। गुरु पद्म-अमर सेवा समिति, दिल्ली, गुरु पद्म-अमर सेवा फाउंडेशन, दिल्ली द्वारा आयोजन के प्रचार-प्रसार में सहयोग प्रदान किया गया।

मंच का सफल एवं कुशल संचालन प्रखर वक्तृ डाॅ. श्वेता निलेष जी राठौड़ द्वारा सुन्दर ढंग से किया गया।

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