चेन्नई. गुरु पद्म- अमर कुल भूषण उप प्रवर्तक पंकज मुनि की मंगलमयी निश्रा में एवं श्री एस. एस. जैन संघ, साहुकारपेट के तत्वावधान में प्रवर्तक पन्नालाल जी म.सा. की जयंति सामायिक दिवस एवं गुणानुवाद सभा के रूप में मनाई गई। धर्म सभा में उपस्थित हजारों की संख्या में श्रावक -श्राविकाओं को संबोधित करते हुए ओजस्वी प्रवचनकार डॉ. वरुण मुनि ने कहा पूज्य प्रवर्तक पन्नालाल जी म. एक युग पुरुष संत थे।
उनके सदुपदेशों से अनेक डाकूओं ने प्रभावित हो कर अपने जीवन का सुधार किया। लगभग 11-12 वर्ष की बाल अवस्था में पन्नालाल जी म. ने सन्यास जीवन ग्रहण किया। आगम – शास्त्रों के अध्ययन के साथ साथ वे तंत्र एवं मंत्र तथा ज्योतिष विद्या के भी रहस्यवेता थे। उन्होंने हजारों लाखों लोगों को धर्म की राह दिखाई। अनेक स्थानों पर बलि प्रथा बंद करवाई।
श्रमण संघ के निर्माण एवं संगठन में भी उनकी अहम भूमिका रही। वे दूर द्रष्टा व भविष्य द्रष्टा महापुरुष थे। उन्होंने स्वाध्याय संघ का निर्माण किया। आज अनेक भाई-बहनें ऐसे संघों में जाते हैं जहां संत-साध्वियों के चातुर्मास नहीं होते, वहां पर वे धर्म आराधना करवाते हैं। ऐसे युग पुरुष श्री पन्नालाल जी म.सा. की संयम-साधना को हम नमन करते हैं। हस्तीमल खटोड़ एवं शांति लाल जी ने भी अपने श्रद्धा पुष्प भावों के द्वारा अभिव्यक्त किए। उप प्रवर्तक पंकज मुनि के श्री मुख से 7-8-9 उपवास करने वाले भाई-बहनों को पचखाण प्रदान किए गए।
श्री संघ के उपाध्यक्ष गौतमचंद मूथा ने भक्ति गीत प्रस्तुत किया। संघ के मंत्री महिपाल चोरडिय़ा ने समारोह का बहुत सुंदर मंच संचालन किया। संघ के उपाध्यक्ष सुरेश कोठारी द्वारा तपस्वी भाई-बहनों को चांदी के सिक्के प्रदान किए गए। चेयरमैन धर्मेश लोढ़ा एवं अध्यक्ष संपतराज सिंघवी ने बताया कि बुधवार को महापर्व संवत्सरी का आराधना एवं गुरु अमर जन्म दीक्षा जयंति भी जप-तप, धर्म ध्यान द्वारा मनाई जाएगी। प्राज्ञ संघ के गुरुभक्तों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर गुरुभक्ति का परिचय दिया।