आचार्य भूधर, गुरु पद्म एवं युवाचार्य महेन्द्र जन्मोत्सव आयोजित
चेन्नई. श्रमण संघीय उप प्रवर्तक पंकज मुनि की पावन निश्रा में डॉ. वरुण मुनि की सद्प्रेरणा से युग प्रभावक आचार्य भूधर म., राष्ट्र सन्त प्रवर्तक दादा गुरुदेव भण्डारी पदम चन्द्र एवं श्रमण संघीय युवाचार्य महेन्द्र ऋषि का जन्मोत्सव जैन भवन, साहुकारपेट के प्रांगण में सामायिक दिवस एवं गुणगान सभा के साथ-साथ लगभग 6500 लोगों के लिए अन्न दानम सहित अतिभव्य रूप से मनाया गया। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए ओजस्वी प्रवचन कार डॉ. वरुण मुनि ने कहा आचार्य भूधर जी म. के जीवन चरित्र से हमें शौर्य, क्षमा एवं स्वाध्यायशीलता की प्रेरणा प्राप्त होती है।
प्रवर्तक दादा गुरुदेव भण्डारी पद्म चन्द्र म. के जीवन से सरलता, सेवा, संयम एवं साधना की सीख प्राप्त होती है। आचार्य सम्राट आत्माराम जी म. ने आपको ‘भंडारी’ अलंकरण प्रदान किया। आप सच में ज्ञान- ध्यान- साधना एवं सिद्धियों के भंडार थे। आचार्य आनंद ऋषि ने आपको उत्तर भारतीय प्रवर्तक जैसे गरिमापूर्ण पद पर प्रतिष्ठित किया। आचार्य देवेन्द्र मुनि ने उन्हें महा स्थविर के पद से अलंकृत किया तथा वर्तमान आचार्य शिव मुनि को उन्होंने स्वयं अपने श्री मुख से दीक्षा मंत्र प्रदान किया। दादा गुरुदेव के श्रीमुख से 108 मुमुक्षु युवक युवतियों ने सन्यास धर्म अंगीकार किया। हजारों लोगों को उन्होंने व्यसन मुक्त बनाया।
उनकी सद् प्रेरणाओं से सैकड़ों स्कूल, कॉलेज, हास्पिटल, धर्म स्थानों का निर्माण हुआ, जो आज भी मानवता की सेवा कर रहे है। आपके प्रधान शिष्य प्रवर्तक अमर मुनि ने विश्व में प्रथम बार प्राकृत, हिंदी, इंग्लिश भाषा में सचित्र 32 जैन आगम प्रकाशन कार्य करवाया। ऐसे युग दिवाकर संत शिरोमणि को हम वंदन- अभिनंदन करते हैं।
श्रमण संघीय युवाचार्य महेंद्र ऋषि ज्ञान- ध्यान एवं संघ सेवा के जीवंत प्रतिमान हैं। आपके जीवन में संगठन की अद्भुत कला है। वर्तमान में आप अपने प्रवचनों एवं साहित्य के द्वारा जिनशासन की महान प्रभावना कर रहे हैं। कार्यक्रम समिति के चेयरमैन निर्मल मरलेचा ने सभी कार्यकताओं का आभार व्यक्त किया। संघ अध्यक्ष संपत राज सिंघवी द्वारा लक्की ड्रा एवं प्रकाश मूथा की ओर से कंबल वितरण का लाभ लिया गया।