श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में कर्नाटक तप चंद्रिका प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने बताया एक छोटा सा नियम लेते हैं तो उसका श्रद्धा के साथ पालन करना चाहिए प्राण जाए मगर प्रण नहीं जाए। नियम गुरु मुख से लेना है उसका सम्यक प्रकार से पालन करना है तो मोक्ष हमारी मुट्ठी में है।
प.पू. धैर्याश्रीजी म.सा. ने पानी का सदुपयोग कैसा करें उसको दिव्य औषधी कैसे बनाएं, दिव्य अमृत कैसे बनाएं इसके बारे में सभा में बताया। बच्चों की पाठशाला में संस्कार दिए। चंद्रकांत सकलेचा एवं सुधीर सिंघवी उपस्थित रहे। अध्यक्ष विजयराज चुत्तर ने संचालन किया।