चेन्नई. कोलत्तूर में चंचल आशियाना स्थित बम्ब निवास पर विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा जीवन में दया भाव आना सुख आने के बराबर होता है। दया सुखों की लड़ी मानी जाती है। अगर कोई किसी पर दया नहीं करेगा तो उस पर भी अन्य दया नही करेगा। जीवन की यही रीति है कि जैसा दोगे वैसा ही पाओगे।
उन्होंने कहा दिल में दया भावना रख कर आसानी से मोक्ष प्राप्ति की जा सकती है। विजेता अपने जीवन को दया भाव के क्षेत्र में आगे बढ़ाते हैं। ऐसा करके मनुष्य खुद की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति करा देता है। कभी भी संयम रखने से घबराने के बजाय इस मार्ग पर चल कर जीवन धन्य बना लेना चाहिए। लाख कष्ट आने के बावजूद जो संयम के मार्ग को नहीं छोड़ते वही सफल होते हैं। मनुष्य भव को पाकर जो जिनवाणी सुनने में खुद को लगाता है वही मानव जीवन को सार्थक बनाता है।
विनयमुनि ने कहा अगर मनुष्य अपने जीवन के कष्टों को दूर करने की इच्छा रखता है तो उसे नवकार मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे जीवन के सभी कष्ट अपने आप ही दूर होते चले जाएंगे। प्रत्येक मनुष्य को कम से कम दिन में १५ मिनट तो नवपद का जाप करना ही चाहिए। इसमेें संसार के सभी सुखों का सार होता है।
उन्होंने कहा नवपद लेखन प्रतियोगिता में १५०० से अधिक लोग नवपद का जाप लिख रहे है। विशेष लिखने वालों को सम्मानित किया जाएगा। इसमें शामिल होने वाले पुण्यशाली होते हैं। इससे पहले प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। पूरे कार्यक्रम में महावीरचंद विनोद कुमार बम्ब का विशेष सहयोग रहा। मुनिगण मंगलवार सवेरे यहां से विहार कर विलीवाक्कम जैन भवन में पहुंचेंगे।