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मैंने बुराई छोड़ दी कहने से काम नहीं चलेगा, आत्मनिंदा करना भी जरुरी है: प्रवीण ऋषि

मैंने बुराई छोड़ दी कहने से काम नहीं चलेगा, आत्मनिंदा करना भी जरुरी है: प्रवीण ऋषि

टैगोर नगर के श्रीलालगंगा पटवा भवन में प्रवीण ऋषि के प्रवचन 

Sagevaani.com @रायपुर. हम बुराई छोड़ने का संकल्प लेते हैं। दो, चार, छह दिन उस काम को नहीं करते। फिर दुनियाभर में हांकते हैं कि मैंने बुराई का त्याग कर दिया। लेकिन, कुछ दिन बाद दोबारा उसी गड्ढ़े में गिर जाते हैं। पता है ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि आपने उस बुराई से कुछ समय के लिए संबंध तोड़ा है। समय मिलते ही फिर जुड़ जाएंगे। अगर वास्तव में किसी बुराई का त्याग करना है तो निंदामि की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। यानी अपनी बुराइयों की निंदा करनी पड़ेगी। स्वीकार करना होगा कि वह बुराई कितनी गलत है।

टैगोर नगर के श्री लालगंगा पटवा भवन में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन में बुधवार को उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने ये बातें कही। उन्होंने कहा बताया, एक बार इंद्रभूति गौतम ने महावीर स्वामी से पूछा कि सामायिक समय कोई व्यक्ति अपने सारे गहने निकालकर एक तरफ रख देता है। उस वक्त कोई चोर यदि उस आभूषण को आंखों के आगे से चुरा ले जाए तो व्यक्ति चुराने वाले को रोकता नहीं है। प्रवीण ऋषि ने कहा, हालांकि यह तब की बात थी। आज व्यक्ति सामायिक छोड़कर सबसे पहले अपो गहने बचाने को दौड़ेगा। उन्होंने आगे बताते हुए कहा, जो व्यक्ति सामायिक को समझता है वह जानता है कि अभी मेरा छोड़ी हुई वस्तु पर कोई अधिकार नहीं है। सामायिक खत्म होने के बाद वह उस वस्तु को वापस प्राप्त करने की कोशिश करता है। इंद्रभुूति गौतम ने पूछा कि ऐसा क्यों? महावीर ने उन्हें बताया, सामायिक के समय व्यक्ति चीजों से कुछ समय के लिए संबंध स्थगित करता है। उसका त्याग नहीं करता। इसीलिए सामायिक बाद वापस उन चीजों को प्राप्त करने की कोशिश करता है।

साधु दूसरे के घर में रह जाएं तो पाप  नहीं, आप घर छोड़ आएं तो भी पाप 

उपाध्याय प्रवर ने कहा कि साधु किसी दूसरे व्यक्ति के घर में रहते हैं तो उन पर पाप नहीं लगता। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने गृहस्थ जीवन का त्याग कर दिया है। वे कहीं भी रहें, ब्रह्मचर्य पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। अगर आप घर-द्वार छोड़कर धार्मिक स्थान में पौषध भी ले रहे हैं तो आपको दोष लगेगा क्योंकि पूजा के वक्त आपका ध्यान गृहस्थ जीवन की ओर जाएगा। फिर साधना कैसे सफल होगी?

7 से 9 तक अर्हम योग शिविर

छत्तीसगढ़ श्रमण संघ के अध्यक्ष कमल पटवा ने बताया, अर्हम विज्जा के तहत 7 से 9 अगस्त तक टैगोर नगर के श्री लालगंगा पटवा भवन में अर्हम योग शिविर का आयोजन किया गया है। 2 और 3 सितंबर को ब्लेसफुल कपल शिविर, 9 और 10 सितंबर को अर्हम गर्भ साधना शिविर, 23, 24 सितंबर को अर्हम मृत्युंजय शिविर, 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को अर्हम पैरेंटिंग शिविर, 3 से 5 अक्टूबर को अर्हम डिस्कवर योर सेल्फ शिविर का आयोजन किया गया है।

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