Share This Post

Featured News / ज्ञान वाणी

मेल है तो जीवन खेल, नहीं तो जेल: जयधुरंधर मुनि

मेल है तो जीवन खेल, नहीं तो जेल: जयधुरंधर मुनि

चेन्नई. जय वाटिका मरलेचा गार्डन में विराजित जयधुरंधर मुनि ने सुखी दांपत्य जीवन विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा परिवार के सदस्यों में यदि आपस में मेल है तो उनके लिए यह जीवन एक खेल होता है अन्यथा बिना प्रेम एवं मेल मिलाप के जीवन जेल के समान लगने लगता है।

एक आदर्श धर्मपत्नी को अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए पतिदेव को धर्म से जोडऩे का प्रयास करना चाहिए। नारी धैर्य की प्रतिमूर्ति होती है। उसे पति के सुख-दुख रूपी सभी परिस्थितियों में साथ देते हुए अपने मधुर वचनों से सांत्वना देकर ढाढस बंधानी चाहिए। सद्नारी सलाह देने में मंत्री के समान, कार्य करने में दासी के समान, भोजन कराने में माता के समान कर्तव्य निभाती है।

सफल व्यक्ति के पीछे किसी ना किसी नारी का हाथ होता है। पति द्वारा पथभ्रष्ट होने पर भी उसे सही राह दिखाने का कार्य एक पत्नी ही सम्यक् रूप से कर पाती है। इसके लिए समझाने का तरीका सही होना चाहिए। किसी को नमाकर नहीं अपितु नमकर जीना चाहिए। जोर चलाने की अपेक्षा सहयोग लेने और देने की भावना होनी चाहिए।

पति-पत्नी एक दूसरे के काम में कभी दखल न दें। एक गृहमंत्री का काम करने वाली पत्नी होती है तो दूसरा वित्तमंत्री की जिम्मेदारी संभालने वाला पति भी होता है। पति और पत्नी दोनों का जो भाव होता है वह एक दूसरे के ऊपर प्रभाव जमाता है। जो काम प्रेम से आसानी से हो सकता है वह काम कभी आदेश से नहीं हो सकता।

इससे पूर्व जयपुरंदर मुनि ने बताया एक दूसरे के प्रति शंका पैदा होने से किस तरह से जीवन में अनहोनी घटनाएं हो जाती है । संदेह रूपी बीमारी की कोई दवा नहीं होती।

शंका पतन की ओर ले जाने वाली होती है। परिवार के सदस्यों को आपस में सामंजस्यता, एक दूसरे की भावनाओं की कदर करते हुए सहयोग करना चाहिए। घर में शांति के लिए किसी से तुलना नहीं करनी चाहिए अन्यथा किसी को अच्छा या बुरा कहा तो भेदभाव झलक ने लग जाता है।

व्यक्ति को अपना स्वभाव स्वयं बदल देना चाहिए। सात जन्म का साथ निभाने का कार्य एक दांपत्य जीवन में उसी समय निभाया जा सकता है, जिस समय दोनों का एक दूसरों के ऊपर विश्वास व भरोसा बरकरार रहता है। धर्म सभा में अनेक नगरों से श्रद्धालु उपस्थित थे।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar