पूज्य गुरुदेव मरूधर केसरी मिश्रीमलजी म.सा. व लोकमान्य संत पूज्य गुरुदेव श्री रूपचन्दजी म.सा. की जन्म जयन्ति नार्थ टाउन में मनाई गई
श्री एस.एस. जैन संघ, नार्थ टाउन द्वारा धर्म नगरी नार्थ टाउन बिन्नी मिल में पूज्य गुरुदेव मरूधर केसरी 1008 श्री मिश्रीमलजी म.सा. की 133 में जन्म जयंति व लोकमान्य संत शेरे राजस्थान, पूज्य गुरुदेव श्री रूपचन्दजी म.सा. रजत’ की 96 वीं जन्म जयन्ति दिनांक 01.09.2023, शुक्रवार को संघ भवन, नार्थ टाउन में मनाई गई। जिनशासन प्रभावक, परम पूज्य गुरुदेव श्री जयतिलकजी म.सा. ‘लघु’ तथा निश्रा प्रदाता शासन सौभाग्पविलक श्री देवेन्द्रसागरसूरिश्वरजी म. सा. का पावन सान्निध्य रहा।
गुरूद्वय जन्म महोत्सव के संपूर्ण लाभार्थी श्री गुरु गणेश मरूधर केसरी रूप रजत के परम गुरूभक्त परिवार, नार्थ टाउन थे। उनके परिवार का अभिनंदन किया गया।
समारोह के अध्यक्ष प्रमुख समाज सेवी, राजस्थान सरकार द्वारा दानवीर भामाशाह अलंकरण से सम्मानित श्रीमान् शा. सुनीलकुमारसा खेतपालिया एवं मुख्य अतिथि प्रमुख समाज सेवी श्रीमान् शा. मोहनलालसा गढ़वाणी, समारोह की शान
प्रमुख समाज सेवी, दानवीर भामाशाह श्रीमान् शा. दीपचन्दसा (पप्पुसा) लुणिया, दानवीर भामाशाह श्रीमान् शा. पुखराजसा भंसाली ओटेरी-कोसापेट, एवं अनेक अतिथिगण पधारें।
सभी अतिथियों का सम्मान साल माला व साफा से महेश भंसाली, भीमराज डुंगरवाल, गणपत ललवानी, ज्ञानचंद कोठारी आदि ने किया। अध्यक्ष अशोक एम. कोठारी ने कार्यक्रम का संचालन कुशलतापूर्वक किया।
अनेक वक्ताओं ने मरूधर केसरी व गुरुदेव श्री रूपचन्दजी म.सा. का गुणगान किया।
गुरुदेव जयतिलक मुनिजी ने बताया कि भारत की धरती रत्नो की धरती है उन्ही रत्नो में एक रत्न मरूधर केसरी जैसे केसर सभी चीजो में मिल सुगंधित बनाती है वैसे ही मरुधर केसरी भी सम्पूर्ण मरुधरा के चहेते थे। अपनी सुगंध से दर्षाने वाले है। ‘धम्मो मंगल मुक्किठं’ जिनका मन अहिंसा संयम तप रूपी धर्म में लगा रहे वे सबके लिए मंगलकारी होते हैं ये कभी अमंगल को प्राप्त नही होते। मरुधर केसरी का जन्म भी रक्षा बंधन के दिन हुआ जो इनके नाम से बधं जाते है वे सदैव सुरक्षित होते है अति पुण्यवाणी ही ऐसे महापुरुषों का गुणगाण कर पाते है और अनुमोदना करना भी पुण्यवानी का फल है मरूधर केसरी का जन्म मंगलवार को हुआ। बाल्यकाल में ही मां का वियोग हुआ परन्तु जो कि बहुत पीड़ाकारी होता है जिनकी पुण्यवाणी साथ होती है उनको बाल भी बाकी नही होता। जन्म दुखम्, मरा दुखम् , जरा दुखम् रोग दुखम ये चार प्रकार के दुख कहे गये है। मरुधर केसरी को असाध्य रोग हुआ सभी चिकित्सकों ने हाथ झटक दिये मंगल पाठ श्रवण करते ही मरूधर केसरी शरीर स्वस्थ होने लगा। रोग से मुक्त होते ही बाल्यकाल में ही धर्म के प्रति आस्था बढ़ गयी ‘अक्षय तृतीया के दिन पाली नगरी में
महा गुरू बुध के पीछे चल पड़े। और फिर सोजत में छोटी दीक्षा और सब को तारने वाली भूमि जेतारण में उनकी बड़ी दीक्षा हुई। मरुधर केसरी और रूपमुनी की जोड़ी बनी जो राम-लक्ष्मण जैसे सम्पूर्ण भारत में प्रसिद्ध हुई उनमे अत्यन्त वात्सल्य था । मरुधर केसरी के गुण रूप रजत में भी आगमन हो गये। मरुधर केसरी के बाद रूप रजत ने जन-2 को धर्म से जोड़े रखा। आचार्य देवेन्द्रसूरीजी ने दोनो महान संत के विषय में बताया कि
“सारी जमी हो कागज समुद्र हो स्याही फिर भी लिखा न जायें गुणगाण दो महत्पुरुषों का। ये दोनो महापुरुष का दर्शन मुझे भी हुआ। साहित्य, ज्ञान को लेकर शासन की हित चिन्ताओं का पदमसूरीजीऔर मरुधर केसरी का सम्पर्क होता था लेटर के माध्यम से । रूप रजत को खाना खिलाना दोनो बहुत पसंद था मुझे उनका परिचय मिला आशीर्वाद मिला मेरे जन्मदिन पर अकलेश्वर में उनसे मिलन हुआ। जितने कार्यों को इन महापुरुषो ने गति दी प्रेरणा दी उन कार्यों को आगे बढ़ाना है तभी वास्तव में उनका गुणगाण होगा। मुझे इतना वात्सलय भरा आर्शीवाद दिया और नवकार मंत्र लिखकर दिया और कहा कि रोज जाप करना चेहरा देखकर जान लेते थे कि मांगने आया कि देने आया।
जिनकी अद्भुत वाणी में लौह चुम्बक जैसा आकर्षण है उनका नाम सुन उनका परिचय करने का चरण स्पर्श करने का मन करता है। जिनका अदभूत जीवन आत्मातियो का दर्पण है
शासन के जो रत्न है जन जन का जो सितारा है। हमें ऐसे गुरुओं की भक्ति कर उनके कार्यो को आगे बढ़ाने के लिए तालाचंद जी साकलचन्द जी को मारवाड जाके हटाना है। घरों को खोलना है। जिन महापुरुषों ने तपती मरुधरा के लिए अपना जीवन लगा दिया उन महापुरुषों का गुणगाण चेन्नई में A.C में बैठ कर नहीं करना है उनके कार्यो को गति देने के लिए तिजोरी खोल अपने धन को लगा कर सार्थक करना है। रोज की एक रोटी गाय को खिलाने का उद्देश्य रखना है रोज गुरुवर के नाम से गोशाला में रोटी खिलाना अनुमोदना करना उनके नाम की माला फेरना अपने जीवन को धन्य बनाना।
इस अवसर पर जे अमरचंद विजयराज कोठारी परिवार, टी नगर वालों की तरफ से करीब 500 जरूरतमंदों को वस्त्र प्रदान किया गया। अनेक अतिथियों ने जीव दया के लिए राशि की घोषणा की जिसको गौशालाओं तथा कबुतरों के अनाज के लिए उपयोग में किया जायेगा ।
कार्यक्रम के पश्चात् स्थानक भवन में गौतम प्रसादी की व्यवस्था रखी गई।
कार्याध्यक्ष पदम खीचा, उपाध्यक्ष डी. अशोक कोठारी उपाध्यक्ष अनिल मेहता, मंत्री ललित बेताला, सहमंत्री प्रमोद ललवाणी, कोषाध्यक्ष राजमल सिसोदिया एवं अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे। नार्थ टाउन के युवा मंडल के अध्यक्ष मनोज कोठारी, मंत्री विकास चोरड़िया, महिला मंडल की अध्यक्षा ललिता सबदड़ा, मंत्री ममता कोठारी तथा बहु मंडल की अध्यक्षा वंदना बोथरा, मंत्री निकीता चोरड़िया आदि ने सेवाएं प्रदान की।
साथ ही श्रावक संघ, महिला मण्डल, युवा मण्डल, बहु मण्डल के सभी सदस्यों का सहयोग सराहनीय रहा।







