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माम्बलम संघ ने मनायी गुरू गणेश की 144 वी जन्म जयन्ती

माम्बलम संघ ने मनायी गुरू गणेश की 144 वी जन्म जयन्ती

कार्यकर्त्ताओं,तप-त्याग, श्रावक व्रत एवं विशेष धर्म आराधना करने वालों का श्री संघ की तरफ बहुमान 26 नवम्बर रविवार को

भगवान महावीर सेवा समिति द्वारा 364 वां अन्नदानं कार्यक्रम भी आयोजित

Sagevaani.com /चेन्नई : श्री एस एस जैन संघ माम्बलम के तत्वावधान एवं चातुर्मासार्थ विराजित स्वर्ण संयम आराधक गुरुदेवश्री वीरेन्द्रमुनीजी म.सा. के सान्निध्य में कर्नाटक गज केसरी खद्दरधारी गुरुदेव श्री गणेशलालजी म .सा. की 144 वी जन्म जयन्ती तप त्याग सामुहिक जाप एवं सामायिक दिवस के रूप में मनाई गई।

सवेरे ठीक 7.30 बजे से गुरू गणेश प्रार्थना के साथ सामूहिक नव पद नवकार जाप का आयोजन हुवा। गुरूदेव श्री वीरेन्द्रमुनीजी म.सा. ने गुरु गणेश के व्यक्तित्व-कृतित्त्व एवं संयम जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरु गणेश आध्यात्मिक जगत के ऐसे महापुरुष हुए जिन्होंने भगवान महावीर के अहिंसा अपरिग्रह व अनेकान्तवाद आदि सिद्धांतों का अपने जीवन के अन्तिम सांस तक जन जन तक पहुँचाया।

उन्होंने दीर्घ जप-तप एवं साधना द्वारा अपने स्वयं की आत्मा का तो कल्याण किया ही साथ ही जन जन को जैन धर्म की और अग्रसर किया।उन्होंने मुहपति,खद्दर के वस्त्र धारण करने का एवं सभी को तप द्वारा अपनी आत्मा को उज्ज्वल करने की प्रेरणा दी। बालक ऋषभ भटेवरा व श्रीमती मंगला कोठारी ने गुरु गुणगान स्तवन प्रस्तुत किया।

         संघ अध्यक्ष डॉ .एम.उत्तमचन्द गोठी ने आगंतुक दर्शनार्थियों का स्वागत करते हुए अपने अपने आप को अत्यंत ही सौभाग्य शाली बताया कि उनका जन्म भी गुरू गणेश की जन्म स्थली अहिंसा नगरी बिलाड़ा में ही हुवा तथा बिलाड़ा में गुरु गणेश के दो धाम भी बने हुए हैं।

उन्होंने कहा कि गुरू गणेश ने जीव दया, मानव सेवा, परोपकार ,पशु बलि रुकवाने एवं गौ माता की रक्षा के लिए प्राणी मात्र को प्रेरणा देकर देश भर में सेकड़ों गौ शालाओं का निर्माण करवाया। जन जन को मिथ्यात्व से हटाकर समकित की और अग्रसर किया। गुरू गणेश चमत्कारी एवं वचन सिद्धि बाबा के रूप में जाने जाते थे। उनके जीवन काल मे अनेक चमत्कारिक घटनाएं देखने को मिलती हैं। आज दक्षिण भारत में गुरू गणेश के हजारों भक्त प्रवासित है जो प्रति अमावस को जालना में गुरू गणेश धाम के दर्शन हेतु जाते हैं।

गोठी ने बताया कि गुरु मरुधर केसरी एवं गुरू गणेश जन्म जयन्ती प्रसंग पर यदि किसी भी कार्य का शुभारंभ किया जाए तो वो असफल नहीं होता है, अतः इस प्रसंग पर उन्होंने व्रतधारी श्रावक श्राविकाओं के लिए हर पाक्षिक पर्व को दोपहर 2 से 3 बजे सामुहिक सामायिक,जाप,आलोचना, जिज्ञासा समाधान एवं परस्पर चर्चा कार्यशाला स्थानक में आयोजित करने की जानकारी दी। इस प्रसंग पर भगवान महावीर सेवा समिति की तरफ से 364 वा मानव सेवा एवं अन्नदानं कार्यक्रम भी आयोजित किया गया तथा वृद्धाश्रम में भी अन्नदानं किया गया।

इस मौके पर चेन्नई के कई उपनगरों के भक्तजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संघ मंत्री महेन्द्र गादिया बताया कि आगामी रविवार दिनाँक 26 नवम्बर को सवेरे 9 बजे से गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन समारोह आयोजित किया जायेगा, जिसमे चातुर्मास काल के दरम्यान कर्मठ कार्यकर्त्ताओं के साथ विशेष धर्म आराधना,श्रावक व्रत एवं तप त्याग करने वाले 300 से भी अधिक श्रावक श्राविकाओं का श्री संघ की तरफ से अभिनंदन पत्र द्वारा बहुमान किया जायेगा।

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