माधावरम्, चेन्नई ; मानसिक तनाव की समस्या वर्तमान युग की प्रमुख और जटिल समस्या है। उससे छुटकारा पाना जरूरी है। जिसका चिन्तन विधायक होता है। वह दु:ख को भी सुख में बदल सकता है तथा तनाव का भार मिटा सकता है। उपरोक्त विचार जय समवसरण, जैन तेरापंथ नगर, माधावरम्, चेन्नई में धर्म परिषद् को सम्बोधित करते हुए मुनि श्री सुधाकरकुमारजी ने कहें।
मुनि श्री ने आगे कहा कि कुछ लोग मन के तनाव मिटाने के लिए नशीले पदार्थो का सेवन करते है तथा मनोरंजन के नकली साधन अपनाते है। यह उचित नहीं है। इससे वे और अधिक अशांति के चक्रव्युह में उलझ जाते है। धार्मिक साधना और स्वाध्याय के बिना मानसिक तनाव की समस्या से पुरा छुटकारा नहीं हो सकता। परिवार का वातावरण तनाव मुक्त होना चाहिये। परिवार के हर सदस्य को अपनी जिम्मेवारी का महत्व समझना चाहिये। धार्मिक परिवारों का वातावरण शांतिमय और आनन्दमय होना जरूरी है। प्रेक्षाध्यान की नियमित साधना से तनाव मुक्त जीवन का विकास हो सकता है।
तपस्याओं के नियमित क्रम के अन्तर्गत आज श्रीमान अशोकजी बोकड़िया ने बारह उपवास, सुश्री नन्दिता चण्डालिया ने 11 उपवास एवं श्रीमती प्रियंका सुराणा ने 51 एकासण तप की तपस्या के प्रत्याख्यान किये।
मुनि श्री नरेशकुमारजी ने वैराग्य पूर्वक संगीत का संगान करते हुए जप, तप से आत्मा को भावित करने की प्रेरणा दी। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट की ओर से तपस्विनी बहनों का अभिनन्दन किया गया। मीडिया प्रभारी स्वरूप चन्द दाँती ने बताया कि रविवार को मुनिश्री के सान्निध्य में ज्ञानाराधना अनुष्ठान एवं स्मृति विकास में मंत्र, वास्तु, आहार और जीवनचर्या की भूमिका विषय पर विद्यार्थियों के लिए विशेष सेमिनार का आयोजन रखा गया है। कार्यक्रम का कुशल संचालन सुरेश रांका ने किया। मुनिश्री के मंगलपाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।




