भीलवाड़ा शास्त्री नगर। मानवता ही धर्म हैं। प्रखर वक्ता डॉक्टर प्रिती सुधा ने बुधवार को अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे धर्मभा में श्रावक श्राविकाओं प्रवचन में धर्मसंदेश देतें हुयें कहा कि
हम परमात्मा को तो मानते हैं पर हम परमात्मा की बात को नहीं मानते। यदि हम अपने जीवन में परमात्मा को मानने लग जाये तो जीवन का कल्याण हो जायेगा हमें मोह का त्याग करना चाहिए मोह का त्याग एक बार यदि हो जाये तो जीवन महान बन जाएगा। मानव को कोई भी चीज क्रोध से नहीं प्रेम से जीतनी चाहिए और क्रोध को क्रोध से नहीं बल्कि क्षमा से जीतना चाहिए। जो व्यक्ति क्षमा को धारण करके राता है वह महान बन जायेगा। मनुष्य का अभिमान सदैव उसके आदर्र्शो और मानव मूल्यों को नष्ट कर देगा। धर्म पर आस्था और विश्वास रखकर जीवन को जियेगा वही व्यक्ति मानवता धर्म को निभा कर जगत मे महान बनेगा।
इसदौरान महासती उमराव कंवर साध्वी मधुसुधा साध्वी संयम सुधा आदि सभी ने विचार रखें।अहिंसा भवन महामंत्री रिखबचंद पीपाड़ा ने बताया कि इस दौरान जौधपुर, पाली चितौड़गढ़, सोजत बिलाड़ा आदि क्षेत्रों से पधारे अतिथीयो का श्रावकों संघ के अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह बाबेल, अशोक पोखरना हेमन्त आंचलिया, संदीप छाजेड़, कुशल सिंह बूलिया आदि पदाधिकारियों एवं चंदनबाला महिला मंडल की बहनों ने सभी तेला तप आराधकों का सम्मान किया और सामूहिक अहिंसा भवन मे पारणे करवायें।
मीडिया प्रवक्ता सुनिल चपलोत
अहिंसा भवन शास्त्री नगर, भीलवाड़ा