राष्ट्र संत उत्तर भारतीय प्रवर्तक दादा गुरुदेव भण्डारी श्री पदम चन्द्र जी म. सा. की पावन जन्म जयंती गुरु गणेश मिश्री पावन स्मृति धाम सुल्लूरपेठ के प्रांगण में बड़ी भव्यता के साथ सानंद संपन्न हुई।
स्पष्टवक्ता श्री कांति मुनि जी म. सा. के श्रीमुख से मंगलाचरण के द्वारा धर्म सभा का शुभारम्भ हुआ। विद्याभिलाषी लोकेश मुनि जी म, मुनि रत्न श्री रूपेश मुनि जी म. ने गुरु भक्ति गीत प्रस्तुत किए।
दक्षिण सूर्य डॉ. श्री वरुण मुनि जी म. सा. ने मंगलमय उदबोधन् में नवरात्रि दशहरा एवं गुरु पदम जन्म जयंती पर ओजस्वी शब्दों में प्रकाश डाला। उन्होंने फरमाया नवरात्रि के ये नौ दिन केवल शक्ति की उपासना के ही नहीं अपितु अपने भीतर की शक्ति को जगाने के दिन हैं। हमारे भीतर जो भी दुर्गुण रूपी रावण छिपे हुए हैं, उन्हें हराना है, तभी दशहरा सही अर्थों में सार्थक होगा ।
पूज्य दादा गुरुदेव भण्डारी श्री पदम चन्द्र जी म. सा., जिन्होंंने अपने जीवन में सैंकड़ों युवक- युवतियों को सन्यास जीवन मंत्र दिया, हजारों- लाखों लोगों को व्यसन मुक्त बनाया। सैंकड़ों स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल व धर्म स्थानों की संस्थापना करवाई।
अपने प्रधान शिष्य उत्तर भारतीय प्रवर्तक वाणी भूषण श्री अमर मुनि जी म. सा. को पावन प्रेरणा प्रदान की और गुरुदेव श्री के आशिर्वाद से विश्व में प्रथम बार 32 जैन आगमों का हिंदी, इंग्लिश व प्राकृत भाषा के साथ सचित्र प्रकाशन पदम प्रकाशन के द्वारा करवाया।
पूज्य दादा गुरुदेव का जीवन सेवा, सरलता, सहिष्णुता, समभाव एवं स्वार्थ त्याग की भावना से ओतप्रोत था। ये ऐसे सद्गुण हैं, जिन्हें स्वीकार कर आत्मा “परमात्मा” बन सकता है। उनके सद्गुणों को हम अपने जीवन में धारण करें, तभी जीवन सार्थक होगा।
इस अवसर पर श्री प्रकाश जी- कमलेश कुमार जी नाहर परिवार की ओर से सामायिक करने वाले भाई- बहनों के लिए लक्की ड्राॅ के रूप में पूज्य गुरुदेव के लाॅकेट भेंट किये गए। प्रवचन सभा में तिरुवलूर, चैन्नई व पंजाब से भी गुरुभक्त जन पधारे।
उप प्रवर्तक भोले बाबा प. पू. श्री पंकज मुनि जी म. सा. ने धर्म सभा में उपस्थित भाई- बहनों को सामायिक व्रत के पचखाण प्रदान किये। धर्म सभा में पधारे सभी गुरू भक्तों का श्री अभय जी खाबिया ने आभार व्यक्त किया। मंगल पाठ के उपरांत गुरु भक्त श्री दीपक जी तलवाड की ओर से प्रसाद की प्रभावना भी वितरित की गई ।