राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा. के चातुर्मासिक पर्व का अंतिम महामांगलिक 13 को रामकृष्ण बाग में
इंदौर। विश्व विख्यात कृष्णगिरी तीर्थ धाम शक्तिपीठाधिपति राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी महाराज साहब की पावन प्रेरणा से यहां फूटी कोठी स्थित श्रीजी वाटिका में मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार बगैर डांडिया के मनाई गई महानवरात्रि पर्व का भक्ति आराधना के साथ धूमधाम से समापन हुआ।
श्री नवरात्रि दिव्य भक्ति आराधना महामहोत्सव के तत्वावधान में 10 दिवसीय आयोजन में जैन समाज के साथ-साथ सर्वसमाज के लोगों ने भी भाग लिया। इस दिव्य भक्तिमय आयोजन के समापन से पूर्व संतश्री की निश्रा में इंदौर शहर में पहली बार 1008 मातृ-पितृ पूजन का कार्यक्रम भी विधान पूर्वक संपन्न हुआ।
यहां श्रीजी वाटिका के विशाल पंडाल में विराजित मां पद्मावती की विशाल 13 फीट की प्रतिमा व 9-9 फिट की मां लक्ष्मीजी तथा मां सरस्वतीजी की प्रतिमाओं सहित पहली बार 108-108 किलो घी व तेल के प्रज्वलित किये गये अखण्ड दीपकों का विसर्जन भी किया गया। संतश्री डॉ वसंतविजयजी ने स्वयं मातृ-पितृ पूजन भक्तिमयी प्रस्तुतियों के साथ करवाया।
उन्होंने इस पूजन में शामिल होकर भक्ति का लाभ लेने वालों को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि विशेष रुप से श्रवण नक्षत्र में माता-पिता का विधान पूर्वक पूजन व्यक्ति की अनेक आधी-व्याधि, पीड़ाओं, बाधाओं से मुक्त रखते हुए प्रगति पथ पर अग्रसर करेगा। भगवान श्रीकृष्ण एवं पुण्डरीक का मातृ-पितृ सेवा भक्ति के भावपूर्ण प्रसंग का उल्लेख भी उन्होंने किया।
महामहोत्सव के अध्यक्ष अभय बागरेचा परिवार इस आयोजन के लाभार्थी रहे। बागरेचा ने बताया कि कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकुमचंद सांवला, शिवोमा आश्रम के स्वामी शिवार्थजी, पूर्व कुलपति डॉ नरेंद्र धाकड़, समाजसेवी एडवोकेट राजकुमार सिंह गौड़, वीरेंद्र जैन, दीपक जैन सहित अनेक गणमान्य शामिल हुए।
महामहोत्सव के मुख्य संयोजक अरविंद बांठिया परिवार ने गुरुवंदन-पूजन का लाभ लिया। इस अवसर पर उन्होंने शहर में वर्ष 2019 के संतश्री के चातुर्मासिक पर्व की एक और महामांगलिक की विनती की, जिसे स्वीकार करते हुए राष्ट्रसंत जी ने घोषणा की कि आगामी रविवार, 13 अक्टूबर को स्थानीय रामकृष्ण बाग में दोपहर 2 बजे से वे अपना महामांगलिक- आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पारस चैनल पर भी होगा। देर रात्रि तक चले कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सभी का आभार सचिव संजय मारवाड़ी ने जताया। गुरुभक्त रितेश नाहर ने बताया कि संतश्री श्रीजी वाटिका में ही साधना-आराधनार्थ विराजित रहेंगे। 16 अक्टूबर को वे इंदौर शहर से विहार करेंगे।