शक्तिपीठाधीपति बोले, दुखी व अयोग्य को सुखी व योग्य बनाता है कृष्णगिरी तीर्थधाम
श्रावणी अमावस्या पर 26 अगस्त को नवग्रह दोष निवारणार्थ हज़ारों निर्धन परिवारों को राशन सामग्री का होगा महादान
कृष्णगिरी। श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधिपति, राष्ट्रसंत, यतिवर्य डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने सोमवार को कहा कि मनुष्य को प्रतिदिन माता-पिता को धोक देना अर्थात श्रद्धा से वंदन करना चाहिए। इससे आत्मिक शांति, शक्ति और बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि नियमित अपने माता-पिता को वंदन से आपका जीवन निश्चित ही चंदन सरीखा हो जाएगा। श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थधाम में श्रावण मास विशेष अष्ट दिवसीय श्री महाभैरव महापुराण कथा, अभिषेक एवं हवन यज्ञ आराधना में डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने श्रद्धालूओं से कहा कि भय रहित करने वाले, योग सिद्धि के अधिष्ठाता, त्रिकाल शक्ति श्रीभैरवदेव की महिमा का तीनों लोकों में कोई वर्णन नहीं कर सकता। फिर भी अंश मात्र उनका गुणगान कर हम अनन्त आनन्द एवं कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि आगामी 26 अगस्त, श्रावणी अमावस्या को नवग्रह दोष, पितृ दोष अथवा सर्व पाप–श्राप दोष निवारणार्थ तथा समृद्धि प्रदायक महाअन्नदान कार्यक्रम के तहत राशन सामग्री का वितरण होगा। व्यक्ति की जन्म कुंडली में 12 भावों के ग्रह दोष मिटाने हेतु श्रद्धालु भक्तों अर्थात् जन–जन के आर्थिक सहयोग से कृष्णगिरी जिले के दर्जनों गांवों के हज़ारों निर्धन व जरूरतमंद परिवारों को राशन सामग्री किट प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि देश और दुनिया से इस बाबत गुरुभक्तों द्वारा भागीदारी निभाई जा रही है। इस दौरान जीवन में शांति, सुरक्षा, सफलता विषयक अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि जीवन में अपनी ऊर्जा को काम में लोगे तो निश्चित सकारात्मक परिणाम व्यक्ति के जीवन में आएंगे। जिंदगी अपनी बुद्धि, विवेक से जीने की सीख दी तथा दया, क्षमा व पश्चाताप के भाव अपनाते हुए श्रेष्ठ बनने की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा भी दी।
शक्तिपीठाधीपति डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने यह भी कहा कि दुखी व अयोग्य को सुखी व योग्य बनाता है कृष्णगिरी धाम, इसलिए जिंदगी में श्रेष्ठ बनने के लिए अपनी आदतों, व्यवहार को बदलना होगा। गलत आदत को स्वीकार करोगे को समृद्धि की सीढ़ी प्राप्त नहीं होगी। सर्वधर्म दिवाकर संतश्रीजी बोले, खुश रहने वाली जीवन शैली अपनाएं। यदि जीवन में समृद्धि चाहते हो तो दूसरों को इज्जत दो और इज्जत लो। दूसरों के प्रति उपकार का भाव बहुत जरुरी है। विचारों में कड़वाहट नहीं आनी चाहिए क्योंकि, विनयवान व्यक्ति सभी का प्रिय होकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।। यदि शुभ विचार रखेंगे तो निश्चित ही जीवन शुभमय की ओर अग्रसर होगा। उन्होंने कहा कि जीवन में किसी भी सेवा को ग्रहण करो तो उन सेवाओं को धन्यवाद देना सीखें इससे जीवन को नई ऊर्जा मिलेगी।
तरक्की के मार्ग प्रशस्त करने के फार्मूले पर अपने विचार रखते हुए डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने कहा कि लोभ से बड़ा बनने की कोशिश कभी नहीं करनी चाहिए, जीवन जीने के लिए विद्या को ग्रहण करने पर ईश्वर के दरबार में सम्मान जरुर मिलेगा। धर्म करने वाला फल जरुर पाता है। आयोजन में देश भर के 25 राज्यों से बड़ी संख्या में सर्व समाज के श्रद्धालु भक्त कृष्णगिरी तीर्थ धाम पहुंचे हैं। डॉ संकेश छाजेड़ ने बताया कि प्रतिदिन की भांति पूज्य गुरुदेव श्रीजी की निश्रा में भैरव देव का अतिदिव्य महाअभिषेक हुआ। चिदम्बरम नटराज मंदिर के विद्वान पंडितों द्वारा भैरव देव का सामूहिक आठ हज़ार बीज मंत्र जाप किया गया। उन्होंने बताया कि देर रात्रि तक संगीतमय भक्ति प्रस्तुतियों के साथ विधिवत् हवन यज्ञ में आहुतियां दी गई। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव श्रीजी के अधिकृत वेरीफाइड यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव किया गया।