दुर्ग/माता पिता के उपकार को जीवन भर भुलाया नहीं जा सकता। मां संस्कार दायनी होती है तो पिता प्रकाश पुंज होता है। इन दोनों के बिना सुख समृद्ध और शक्तिशाली जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती। अगर माता पिता पुत्र के व्यवहार से दुखी है तो वह पुत्र जीवन पर्यंत सुख की प्राप्ति नहीं कर सकता और जिस घर में माता-पिता पुत्र के व्यवहार से सुखी हैं उस घर में ईश्वर का आशीर्वाद सदैव अनेक रूपों में बरसता रहता है और वही घर स्वर्ग से सुंदर कहलाता है।
उक्त बातें जय आनंद मत कर रतन भगवान की धर्म सभा में संत गौरव मुनि ने व्यक्त किए मुन्नी श्री लागे कहा अपने जीवन प्रदाता हमारे मां पिता होते हैं। आगम माहिर भगवान ने अपने माता-पिता का अंतकरण से ध्यान रखा था उन्होंने गर्भावस्था में ही सोचा था। मैं अपने माता-पिता को तकलीफ हो ऐसा कार्य नहीं करूंगा।
आज गौरव मुनि के मार्गदर्शन में मात-पिता वंदनावली का कार्यक्रम हर्ष और उल्लास के वातावरण में जैन समाज के सभी उम्र के सदस्यों के साथ मनाया गया। जिसमें सभी बच्चे अपने माता पिता के साथ इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए। माता पिता दादा पोती पॉटी पोती के साथ मात-पिता वंदनावली कार्यक्रम के विशेष आकर्षण थे।
मात-पिता के संदर्भ में संत गौरव मुनि जी की प्रेरक बातें मन को झकझोर कर देने वाली थी। उनकी कही बातों से कई आंखों में आंसू बहने लगे थे। माता पिता के आशीर्वाद से भरे इस आयोजन को उपस्थित जन समुदाय ने बेहद सराहा।
गायों के उपचार हेतु दान दाताओ से राशि संग्रहित
जय आनंद मधुकर रतन भवन में पीड़ित गौमाता के उपचार हैतू धन राशि संग्रहित थी गई संग्रहित की गई जिसे छाता कश्ती छाता गढ़ स्थित कृष्ण गौशाला मैं यह राशि प्रदान की जाएगी।
गो सेवा प्राथमिक चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर एक विशेष गांव सेवा प्राथमिक चिकित्सालय का शुभारंभ किया जा रहे आसपास सड़कों में गौमाता दुर्गंध घटना दुर्घटना ग्रस्त हो जाती है जिसके उपचार के लिए कृष्ण गौशाला के अनुभवी डॉक्टरों की देखरेख में गौ चिकित्सा opd चालू किया जा रहा है। गो सेवा चिकित्सालय हेतु कल छत्तीसगढ़ प्रवर्तक रतन मुनि जी सतीश मुनि जी विवेक मुनि जी गौरव मुनि जी के सानिध्य में 2,:30 बजे चिकित्सा ब्लीडिंग का भूमि पूजन किया जा रहा है।