चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन से विहार करते हुए उपप्रवर्तक विनयमुनि और गौतममुनि शनिवार को माली समाज भवन पेरुमाल कोइल गार्डन पहुंचे। यहां श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए गौतममुनि ने कहा संतों के सानिध्य में आकर सेवा और धर्म के कार्य करने वालों को संत अच्छे से पहचानते हैं।
धर्म के कार्यों में खुद को जोडऩे वालों की भावनाओं से उनके संस्कारों के बारे में पता चलता है। उन्होंने आचार्य जयमल की दीक्षा दिवस के अवसर पर कहा कि आचार्य जयमल ने अपने जीवन में लोगों को बहुत कुछ दिया है। ऐसे महापुरुष की दीक्षा दिवस पर भक्तों को भी उनके बताए मार्गों का अनुसरण करने का संकल्प लेना चाहिए।
अपने गुरु की दीक्षा के दिन अगर कुछ अलग करने का संकल्प लेते हैं तो पुण्य के बराबर होता है। परिवार के बुजुर्गों के प्रति जो सही होता है वही जीवन में आगे निकलता है। अपने माता-पिता के उपकारों को कभी भी भूलना नहीं चाहिए। जीवन में आगे वही बढता है जो उपकारों को याद रखता है। जो मनुष्य महापुरुषों के उपदेशों और उनके बताए मार्र्ग पर चलते हैं उनका जीवन धन्य बन जाता है।
सागरमुनि ने भी आचार्य जयमल के उपकारों को याद किया। फूलचंद मुनि ने भजन के माध्यम से अपने भाव व्यक्त किए। इससे पहले तप-त्याग और आराधना के साथ आचार्य जयमल का दीक्षा दिवस मनाया गया। गौतम दुगड़ ने बताया कि रविवार को तेरापंथी स्कूल में युवाचार्य मधुकर मुनि का 35वां पुण्य स्मृति दिवस मनाया जाएगा।