नवरात्रि अष्टमी पर महालक्ष्मीजी को लगाया 1008 मिष्ठान-नैवेद्य का महाभोग, 504 जोड़ेयुक्त हुआ महानुष्ठान
इंदौर। स्थानीय फूटी कोठी स्थित श्रीजी वाटिका में रविवार को नवरात्रि पर्व के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का दिन शहर वासियों के लिए श्री महालक्ष्मी पूजन विधान के साथ विशेष हो गया।
विश्वविख्यात कृष्णगिरी शक्तिपीठाधिपति, राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा.की पावन निश्रा में श्री नवरात्रि दिव्य आराधना भक्ति महामहोत्सव के तहत 10 दिवसीय इस आयोजन में आज 504 जोड़े युक्त विधान संपन्न हुआ।
धार्मिक भक्ति के साथ लोगों को समृद्धवान बनाने के उद्देश्य से इंदौर शहर में पहली बार विशाल पंडाल में मां लक्ष्मीजी के 1008 मिष्ठान-निवेद्य का महाभोग अर्पण के साथ हुए इस आयोजन ने स्वर्णिम इतिहास रच दिया।
आज के पूजन विधान एवं महाभोग के लाभार्थी पंकज समता कटकानी परिवार वाले रहे। इस दौरान संतश्री ने अष्टलक्ष्मीजी एवं श्रीयंत्र की 64 विधियों के माध्यम से शास्त्रोक्त श्रीसूक्त, कनकधारा स्तोत्र के वाचन तथा संगीतमय भजनों की प्रस्तुतियों के साथ इस महानुष्ठान को संपन्न कराया।
पूजा वस्त्रों में बैठे सर्व समाज के बड़ी संख्या में शामिल श्रद्धालुओं को भाग्यशाली बताते हुए तथा सभी की भक्ति की अनुमोदना करते हुए संतश्री ने कहा कि भक्ति आराधना के नवरात्रि पर्व में भावपूर्ण भक्ति से ही मां प्रसन्न होकर सांसारिक व्यक्ति के दुखों संकटों को काटती है तथा सुख संपदा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि दीपावली पर्व से 22 दिनों पूर्व ही मां लक्ष्मी की पूजन प्रक्रिया से मां लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि नवनिधि प्रदान करेंगी।
उल्लेखनीय है श्रीजी वाटिका स्थित आयोजन स्थल पर 13 फीट की मां पद्मावतीजी की, 9-9 फीट की मां लक्ष्मीजी, सरस्वतीजी की दिव्य प्रतिमाओं के समक्ष 108-108 किलो घी व तेल के अखंड दीपक भी प्रज्वलित हैं। साथ ही पहले ही दिन से 24 घंटे महालक्ष्मी जी का विशेष जाप भी 13 पंडितों द्वारा द्वारा आचार्य सुधांशु शर्मा के निर्देशन में नियमित रूप से किया जा रहा है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पारस चैनल, अमृतवाणी एवं डीजियाना चैनल पर लाइव किया गया।