मातृ-पितृ वन्दना कार्यक्रम
चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा एवं अन्य साध्वीवृंद के सान्निध्य में मातृ-पितृ वंदना कार्यक्रम हुआ जिसमें बड़ी संख्या में अभिभावकों ने अपने पुत्र-पुत्रियों के साथ हिस्सा लिया। इस मौके पर साध्वी ने कहा मां बाप के उपकार भूलना आसान नहीं होता। जो भूल जाता है वो इंसान नही हो सकता।
माँ ने अपने गर्भ में नौ महीने रखा और पैदा होने के बाद चलना सिखाया। अगर वो ऐसा न करे तो चलना तो दूर खड़ा होना भी संभव नहीं हो सकता, लेकिन वर्तमान में लोग एक झटके में माँ बाप के उपकार भूल जाते हैं। पिता अपने बच्चों को बचपन से संस्कार देते हैं।
बच्चा अपने जीवन ने बहुत सारी गलतियां करता है और माँ बाप उनकी हर गलती को माफ कर देते हैं। लेकिन समय बदलने के बाद बेटा छोटी सी गलती पर भी मां बाप को सुना देता है।
माता पिता को दुखी कर परमात्मा को खुश करने की कोशिश बेकार है। मा बाप को खुश रखने वालों को परमात्मा के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
साध्वी सुविधि ने कहा जीवन में खुश वही रहता है जो दूसरों को खुश रखना जानता है। दूसरी को दुखी कर खुश नहीं रहा जा सकता, लेकिन इस दुनिया में खुश रहने के साथ महान वो होता है जो अपने माता पिता को अपने पास रख कर सेवा करता है। महान बनना है तो उपकारों को समझें।
साध्वी समिति ने विधिविधान शास्त्रीय मंत्रोचार के साथ मातृ-पितृ वन्दना सम्पन कराई, कार्यक्रम मे समिलित माता पिता को धर्म सभा मे पाटे पर बिठाकर संतानों द्वारा चरण वन्दना, पूजा ,तिलक, माला द्वार अभिनंदन किया गया।
इस मौके पर सहयोगियों नेमीचंद राजेश विनाकिया एवं हीराचंद तेजराज चोरडिया परिवार एवं अन्य का संघ अध्यक्ष आनंदमल छलाणी, उपाध्यक्ष सुरेश कोठारी, सुरेश कोठारी, जेपी ललवानी ने शाल माला व मोमेंटो से सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में विजयराज, गौतमचंद दुगड़, सज्जनराज सिंघवी, मदनलाल गादिया, श्रेणिक बोहरा, पारसमल लूणावत, नवरतन डोसी, अरिहंत कांकरिया, प्रवीण, दिलीप चोरडिया समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। संचालन सहमंत्री पंकज कोठारी ने किया।