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मां के चरणों में दुखों से मुक्ति संभव: डॉ वसंतविजयजी म. सा.

मां के चरणों में दुखों से मुक्ति संभव: डॉ वसंतविजयजी म. सा.

शाम को दलेर मेहंदी कराएंगे आध्यात्मिक भक्ति

इंदौर। विश्वविख्यात कृष्णगिरी तीर्थधाम शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत डॉ वसंत विजय जी म.सा. की पावन प्रेरणा से यहां फूटी कोठी स्थित श्रीजी वाटिका में आयोजित हो रहे दस दिवसीय श्री नवरात्रि दिव्य आराधना भक्ति महा महोत्सव के आठवें दिन रविवार को 504 जोड़े युक्त श्री महालक्ष्मी पूजन विधान होगा। साथ ही मां लक्ष्मी को पहली बार विभिन्न प्रकार की 1008 मिठाइयों का विशेष भोग अर्पित किया जाएगा।

वहीं शाम को मशहूर पंजाबी गायक कलाकार दलेर मेहंदी अपनी संगीतमय आध्यात्मिक प्रस्तुतियों से श्रोताओं को भक्ति कराएंगे। मध्य प्रदेश के इतिहास में इंदौर शहर में पहली बार आयोजित हो रहे बगैर डांडिया के महानवरात्रि पर्व में शनिवार को श्रीशक्रस्तव महाभिषेक अनुष्ठान नारायण प्रसाद अग्रवाल परिवार के सौजन्य से विधि कारक रत्नेश भाई मेहता ने संपन्न करवाया।

महामहोत्सव के अध्यक्ष अभय बागरेचा ने बताया कि भक्ति संगीत कार्यक्रम में माताजी के भजनों के स्पेशलिस्ट कलाकार लाला मस्ताना, मालेगांव के हेमंत नवलखा व बाल नृत्य कलाकार जगदीश जॉन्डिस ने विभिन्न रूपों में उपस्थित श्रद्धालुओं का भक्तिमय मनोरंजन किया। इस अवसर पर संतश्री डॉ वसंतविजयजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि चाहे जन्म देने वाली मां हो या हमारी तारणहार भगवती मां पद्मावती हो, मां के चरणों में दुनिया का असीम सुख अर्थात समस्त दुखों से मुक्ति संभव है। उन्होंने कहा कि मां की भक्ति में तन-मन को रमाना चाहिए।

 

संतश्री ने कहा कि प्रवचन सुनकर भी श्रोता उस वाणी को अपने जीवन में भले ही अंगीकार नहीं करता है, मगर भावपूर्ण की गई भक्ति से व्यक्ति के विचार शुद्ध होंगे। साधना के शिखर पुरुष डॉ वसंतविजयजी ने कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं को अपना दिव्य मांगलिक आशीर्वाद प्रदान करते हुए अनेक श्रावक-श्राविकाओं के बगैर पूछे ही उनके व्यक्तिगत दुखों का कारण बताते हुए उनके निराकरण का चमत्कारिक निदान प्रदान किया। उन्होंने कहा कि समझदारी की कमी से ही व्यक्ति संकटग्रस्त रहता है, इसके लिए जीवन में विवेकवान एवं विनय शीलता जरूरी है।

डॉ वसंतविजयजी ने कहा कि शास्त्रोक्त है कि जो धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता ही है। इसलिए कोई भी धार्मिक आयोजन धर्ममय ही होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में प्रगति पथ पर बढ़ने के लिए छोटी-छोटी बातों का ध्यान सकारात्मक दृष्टिकोण से रखा जाना जरूरी है। कार्यक्रम में विभिन्न पूजन, आरती आदि के लाभार्थी परिवारों का संतश्री की निश्रा में सम्मान भी किया गया।

इस अवसर पर महामहोत्सव समिति के संरक्षक वीरेंद्र जैन, मुख्य संयोजक अरविंद जैन, जितेंद्र बाफ़ना, डॉ सुनील मंडलेचा, सोमिल कोठारी, विपिन पगारिया, रितेश नाहर, सिद्धार्थ सतीश दोषी, नितेश जैन, पंकज कटकानी व तरुण सेठिया सहित अनेक पदाधिकारियों ने आयोजन में शामिल हुए अतिथियों का स्वागत सत्कार किया। सभी का आभार महामहोत्सव के सचिव संजय मारवाड़ी ने जताया।

माता-पिता चरण पक्षाल पूजा 8 को

मां पद्मावती के परम उपासक, सिद्ध साधक, मंत्र शिरोमणि राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा.की निश्रा में इंदौर शहर में पहली बार विजयादशमी के पावन पर्व पर 8 अक्टूबर को माता-पिता चरण पक्षाल पूजा का अनूठा कार्यक्रम होगा। मंगलवार शाम 7:00 बजे से संतश्री की निश्रा में 1008 माता-पिता का उनके पुत्र-पुत्रियों (पंजीकृत) द्वारा एक साथ दूध-जल व अनेक पूजा सामग्रियों से विधान पूर्वक पूजन कराया जाएगा। पंजीयन को अनिवार्य रखा गया है। इस अवसर पर जीवन प्रदाता माता-पिता की महिमा का भावनात्मक वर्णन भी संतश्री के श्रीमुख से होगा।

निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में अनेक लाभान्वित

श्रीजी वाटिका में श्री नवरात्रि दिव्य आराधना भक्ति महामहोत्सव समिति के चिकित्सा सेवा संयोजक डॉ सुनील मंडलेचा के निर्देशन में सेंटर फॉर साइट के तत्वावधान में नेत्र रोगियों की निशुल्क जांच कर उचित परामर्श दिया गया। डॉक्टर मंडलेचा ने बताया कि प्रतिदिन विविध प्रकार के इस शिविर आयोजित हो रहे हैं। नेत्र जांच शिविर में ऑटो रिफ्रैक्टोमीटर व रेटीनोस्कॉपी मशीनों द्वारा डॉ विकास शुक्ला, विजय चौहान व प्रतीक सिंह राजपूत ने करीब 60 से अधिक रोगियों की जांच कर अपनी सेवाएं प्रदान की।

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