दीपावली की विशेष साधना को राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी महाराज काशी में विशेष अनुष्ठान से करेंगे संपन्न
कीकरवालारूपा में पूज्य गुरुदेव श्रीजी द्वारा मां पद्मावतीजी के चमत्कारिक प्रसंगों–अनुभवों ने श्रद्धालुओं में बढ़ाई भक्ति भावना
कृष्णगिरी। श्री कृष्णगिरी पद्मावती भैरव सेवा मंडल पंजाब इकाई के कीकरवालारुपा जिला फाजिल्का में 9 दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा में पांचवे दिन राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने महामाया जगत जननी मां की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मां पद्मावतीजी का नाम मन को निर्मल करता है तथा सभी प्रकार के दुख, क्लेश को मिटाता है। वे बोले, मां पद्मावती का नाम यही नहीं अगला जन्म भी तार देगा।
इस दौरान डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने अपने उद्बोधन में मां के संगीतमय भजनों की प्रस्तुतियों के साथ मां की ममतामई महिमा की विस्तृत व्याख्या की तथा इसे बड़ा बताते हुए कहा कि संतों की दृष्टि भगवती को देख लेती है जबकि संसार उनसे अछूता नहीं है। उन्होंने अनेक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि विश्वासपरक भक्ति मेें असीम शक्ति है। परमात्मा के समक्ष अपने भाव शुद्ध रखें, संकट व दुखों का नाश होगा तथा अनेक कार्य भी अवश्य सिद्ध होंगे।
संतश्रीजी ने कहा कि जगत जननी मां पदमावतीजी की सेवा में जहां करोड़ों देवी-देवता नतमस्तक रहते हैं उन्हें अपने सेवा-समर्पण से रिझाएं वह आपके सभी काम करेगी। इस मौके पर उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर को दीपोत्सव पर्व पर वे अपनी विशेष साधना करने हेतु उत्तर प्रदेश के काशी वाराणसी पहुंचेंगे।
उन्होंने बताया कि इस दौरान धनतेरस, काली चतुर्दशी एवं अमावस्या पर विशेष दिनों में अति विशेष आराधना पूजन संपन्न होगा। इस बाबत गुरु भक्तों ने विभिन्न तैयारियां काशी में प्रारंभ कर दी है। साथ ही इसके बाद 9 से 17 नवंबर तक भैरवाष्टमी पर्व पर भी विश्व स्तरीय आठ दिवसीय आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि मां पद्मावती एवं भैरव देव की पूजा, भक्ति, साधना, आराधना व्यक्ति को धन संपदा के साथ आसुरी शक्तियों पर विजय प्राप्त करने का बल देती है।
इस अवसर पर मंत्र शिरोमणि संतश्रीजी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्र शास्त्र साधना की जानकारी देते हुए नियमित स्थिरता के साथ अपने इष्ट का निष्ठा पूर्वक मंत्र जाप करने की प्रेरणादायी सीख दी। मनुष्य जन्म अनमोल बताते हुए उन्होंने कहा कि मन के अंधेरे में उजाला करना हो तो मंत्र रटना ही चाहिए। वे बोले, किसी भी अच्छे कार्य को करने के लिए कभी प्रमाद नहीं करना चाहिए। प्रसंगवश मय उदाहरण के उन्होंने कहा कि गुड़ को यदि अंधेरे में भी खाएंगे तो वह मीठा ही लगेगा। उन्होंने कहा कि ऊन के आसन पर बैठकर ही मंत्र जाप करना चाहिए। वे बोले भक्ति, भजन व मां के नाम का जाप हर कार्य सिद्ध करता है।
कार्यक्रम में पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने मंत्र शक्तिपात कर मां का आह्वान करते हुए वातावरण में अलौकिक खुशबू से देवीय शक्ति का अद्भुत एहसास कराया। पंजाब सहित 14 राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए लकी ड्रा के माध्यम से स्वर्ण, चांदी के सिक्के व होम अप्लायंसेज आइटम उपहार स्वरूप भाग्यशाली विजेताओं को प्रदान किए गए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण थॉट योगा यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किया गया। श्रीमती सुनीता मनमोहन सिहाग परिवार द्वारा देवी भागवतजी की आरती एवं हवन यज्ञ का लाभ लिया गया।