चेन्नई.
नवपद में सब कुछ है लेकिन हम इधर-उधर दौड़ते रहते हैं। नवकार पर श्रद्धा नहीं करते। व्यक्ति स्वार्थ एवं इच्छाओं की पूर्ति के लिए भटकता रहता है लेकिन यह नवकार तो इच्छाओं का ही नाश कर देता है और आत्मा से परमात्मा बना देता है। परमात्मा से मांगें जरूर लेकिन अपने लिए नहीं सबके लिए खुशी और सुख मांगें। आप स्वत: ही सुखी हो जाएंगे। मुनि ने कहा हम मांगते ही रहते हैं मांगने की आदत हो गई है। सब कुछ मिल जाए फिर भी तो नई-नई इच्छा करके मांगते हैं और यही दुख का कारण है। धर्म करें कंकर से शंकर एवं गरीब से अमीर बन जाएंगे। धर्म हमेशा फल देने वाला है। सबको छोड़कर केवल चिंतामणि मंत्र नवकार मंत्र का ध्यान करें, इसमें अरिहंत, सिंह, आचार्य, उपाध्याय, साधु, ये पांचों सारे पापों का नाश एवं मंगल करने एवं सारे कर्मों को नष्ट करने वाले हैं। इसलिए इनकी शरण में जाएं एवं आराधना करें। ये ही भवपार उतारने वाला हैं। इस मौके पर श्रमण संघीय सलाहकार मुनि सुमति प्रकाश का जन्मदिन मनाया गया। मुनि ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला एवं उनका गुणगान किया। उन्होंने बताया कि वे ४६ साल से वर्षीतक करते आ रहे हैं और आज भी विहार करते हैं। संचालन मंत्री राजेंद्र लूंकड़ ने किया।