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महासतीजी स्वर्णप्रभाजी के प्रवचन स्वाध्याय भवन, चेन्नई में 

महासतीजी स्वर्णप्रभाजी के प्रवचन स्वाध्याय भवन, चेन्नई में 

श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान में महासतीजी स्वर्णप्रभाजी के प्रवचन स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में

हुक्म गच्छाधिपति,नानेश पट्टधर,आचार्य भगवंत 1008 पूज्यश्री विजयराजजी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी परम विदुषी महासतीजी श्री स्वर्णप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा 3 आज 10 जनवरी 2025 शुक्रवार कोप्रातः सूर्योदय के पश्चात श्री खेमचन्दजी कांकरीया के निवास स्थान “मातृछाया” अयनावरम से विहार करके स्वाध्याय भवन साहूकारपेट चेन्नई पधारें व सुखसाता पूर्वक विराजित हैं |

आज श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ के तत्वावधान में प्रवचन सभा में महासती मौलीश्रीजी म.सा ने तीर्थंकरों की स्तुति लोगस्स के पाठ के शब्दों के अर्थ व रहस्य पर विवेचन करते हुए फरमाया कि हमें प्रभु से यहकामना करनी चाहिए कि मुझमें भी वो पुरुषार्थ प्रकट होवें जिससे मैं सिद्धि को प्राप्त कर सकूं |

प्रवचन सभा में विदुषी महासतीजी श्री स्वर्णप्रभाजी म.सा ने कि फरमाया कि जो अभाव का चिंतन करें वो संसारी और जो स्वभाव का चिन्तन करें वो साधक आत्मा होती हैं | हर कोई पूर्ण नहीं हैं, हर किसी में गुण व दोष दोनों विधमान हैं,मात्रा कम अधिक हो सकती हैं | दूसरों के दोष देखने का अधिकार उनको हैं जो स्वयं निर्दोष हों | भौतिक संपत्ति व्यक्ति को श्रीमंत बना सकती हैं पर स्वभाव ही व्यक्ति को सिद्ध बसना सकता हैं |

प्रवचन सभा का सुन्दर संचालन संदीपजी ओस्तवाल ने करते हुए विभिन्न कार्यक्रमों की सूचनाएं दी |

प्रवचन सभा में श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष राजेन्द्रजी बागमार, कोषाध्यक्ष अम्बालालजी कर्णावट, निवर्तमान कोषाध्यक्ष प्रकाशचंदजी ओस्तवाल, निवर्तमान कार्याध्यक्ष नरेन्द्रजी कांकरिया स्वाध्यायी नवरतनजी बागमार कांतिलालजी तातेड़, कोषाध्यक्ष गौतमचन्दजी मुणोत, रमेशजी जांगड़ा, उच्छबराजजी गांग, मनीषजी जैन, चंपालाल जी बोथरा, लीलमचन्दजी बागमार, प्रेमजी बागमार, तपस्वी रत्न शांतिलालजी कोठारी, गुरुभक्त नेमीचंदजी कोठारी, अशोकजी लोढा बिमलचंदजी सुराणा, ज्ञानचंदजी कोठारी,  महावीरचन्दजी छाजेड़, रविन्द्रजी कवाड़ सहित श्राविका मण्डल तमिलनाडु की अध्यक्षा शशिजी कांकरिया, बसंतीदेवीजी कर्णावट, लीलादेवीजी ओस्तवाल, मनीषाजी कांकरिया, श्रीमती महावीरचंदजी छाजेड़, शान्तिदेवीजी बागमार सहित अनेक श्राविकाओं की उपस्थिति प्रमोदजन्य रही |

महासतीजी श्री स्वर्णप्रभाजी म.सा ने उपस्थित श्रद्धालुओं को व्रत- नियम- प्रत्याख्यान करवाते हुए मंगल पाठ श्रवण करवाने की कृपा की| महासतीजी के दैनिक प्रवचन स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में होंगे |

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